जिला प्रशासन के निर्देश पर गई संयुक्त टीम ने सोमवार को सभी श्रमिकों को वापस ले आकर उनके गांव चांदन में सकुशल सरपंच और उनके परिजनों को सौंप दिया। श्रमिकों में बैरागी, शकुंतला, ममता, रोहन, सुमन, ससिता सहित दो छोटे बच्चे शामिल हैं। बंधक के हालात से छुटे श्रमिकों की टीम में शामिल रोशन महार ने बताया कि वे सब ओडीसा के कुमार बेलपड़ा के जरिए ईंट बनाने के लिए पैदापल्ली के गंगा नगर गए थे।
भट्ठा मालिक द्वारा हमें प्रताड़ित किया जाता था। नहाने, खाने और बाजार जाने पर कड़ी नजर रखता था और केवल एक ही व्यक्ति को बाहर जाने देना था। एडवांस के रूप में बहुत कम राशि दिया था जो कि हमारे जीवन यापन के लिए पर्याप्त नहीं थी। एडवांस के बदले काम हो चुकने के बाद भी मजदूरी का भुगतान नहीं करता था। हम काम छोडक़र वापस घर आने को कहे तो इसके लिए मना कर दिया। एक तरह से गुलाम की जिंदगी हम वहां बसर कर रहे थे।
जिला प्रशासन को किसी तरह सूचित करने पर उनके द्वारा श्रम विभाग, पुलिस, महिला एवं बाल विकास विभाग को मिलाकर संयुक्त टीम बनाई गई और इनके सहयोग से हमें रिहाई मिली। संयुक्त टीम में जिला बाल संरक्षण अधिकारी प्रकाश दास, श्रम निरीक्षक संतोष कुमार कुर्रे, एएसआई टीआर साहू, प्रधान आरक्षक राजकुमार राज आदि शामिल थे।