ग्राम सुराज अभियान में केड़ीआमा पहुंचे सीएम ने दुख दर्द सुना, जिसमें सडक़ डायवर्सन, सीसी रोड की मांग ग्रामीणों ने की थी, मुख्यमंत्री ने सभी मांगे पूरी होने का भरोसा भी दिलाया था, जो आज भी अधर में है। केड़ीआमा से पंचायत मुख्यालय कनेसर की दूरी दो किमी है, जिसके सडक़ निर्माण के लिए एक करोड़ पैंतालिस लाख स्वीकृत हुआ था, ठेकेदार ने सडक़ में मुरुम मिट्टी डालकर अस्सी लाख का चेक लेकर काम छोड़ दिया। ठेकेदार पर कोई कार्रवाई भी नहीं की गई। केड़ीआमा के ग्रामीण प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान की मांग कर रहे हैं।
अपने पैसे से शौचालय तो बनवाया लेकिन उसके पैसे नहीं मिले। पुरानसिंह ठाकुर ने बताया कि आठ किसान अपने पैतृक भूमि के पांच एकड़ को गांव बसाने के लिए दान में दिया लेकिन गांव में विकास सपना बनकर रह गया। केड़ीआमा ग्राम समिति अध्यक्ष रामजी ध्रुव ने बताया कि जैसा विकास सोचे थे, वैसा कुछ नहीं हुआ, नाम का मुख्यमंत्री गोद ग्राम बनकर रह
गया है।
गया है।
प्रधानमंत्री हो या मुख्यमंत्री, भाजपा वाले घोषणावीर जुमलेबाज होते हैं। जनता को लच्छेदार भाषणों से गुमराह करने में महारत हासिल है। केड़ीआमा में आज तक सडक़ नहीं बन पाई, जो मुख्यमंत्री का गोदग्राम हैं। दुर्भाग्य की बात है कि जनता अब अच्छी तरह से समझ चुकी है कि भाजपाइयों की करनी और कथनी में अंतर है।
अमितेष शुक्ल, पूर्व पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री
अमितेष शुक्ल, पूर्व पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री
भाजपा के कार्यकर्ता
भी दबी जुबान से स्वीकारते हैं कि हमारी सरकार में कोई काम नहीं होता क्योंकि अधिकारी राज है। अगर मुख्यमंत्री की घोषणा आधी-अधूरी हो, ठेकेदार अधिकारी दबंगई के साथ चुप बैठे हो, तो मतलब साफ है भ्रष्टाचार में सब लिप्त हैं। विकास कार्यों की यही दुर्दशा है।
देवसिंह रात्रे, प्रदेश प्रतिनिधि, जनता कांग्रेस
भी दबी जुबान से स्वीकारते हैं कि हमारी सरकार में कोई काम नहीं होता क्योंकि अधिकारी राज है। अगर मुख्यमंत्री की घोषणा आधी-अधूरी हो, ठेकेदार अधिकारी दबंगई के साथ चुप बैठे हो, तो मतलब साफ है भ्रष्टाचार में सब लिप्त हैं। विकास कार्यों की यही दुर्दशा है।
देवसिंह रात्रे, प्रदेश प्रतिनिधि, जनता कांग्रेस
ठेकेदार ने थोड़ा काम कर अधूरा छोडक़र चला गया। ठेकेदार को लगभग अस्सी लाख का भुगतान हो चुका है। अब नया टेंडर होगा।
केपी साकरिया, सब इंजीनियर, लोक निर्माण विभाग
केपी साकरिया, सब इंजीनियर, लोक निर्माण विभाग