बलोदा बाज़ार

आधी रात टीचर के घर घुसा कोचिंग संचालक, सुबह पता चली ये बात तो लोगों के खड़े हो गए कान

चाराम और कांकेर में यश स्पोकन के नाम से यह युवक कोचिंग का संचालन करता है

बलोदा बाज़ारMay 25, 2018 / 05:00 pm

चंदू निर्मलकर

दीवार छलांग लगाकर टीचर के घर घुसा कोचिंग संचालक, सुबह पता चली ये बात तो लोगों के खड़े हो गए कान

कांकेर. गलत नियत से आधीरात को चारामा की एक शिक्षिका के घर में एक कोचिंग संचालक ने छलांग लगा दी। आधीरात को खिड़की के पास से आवाज लगाकर दरवाजा खोलने शिक्षिका पर दबाव बनाने लगा। डरी सहमी शिक्षिका ने दरवाजा नहीं खोला तो मंत्री के नाम पर धमकी देकर फरार हो गया। पीडि़त शिक्षिका ने इसकी शिकायत चारामा पुलिस को लिखित में की है। चाराम और कांकेर में यश स्पोकन के नाम से यह युवक कोचिंग का संचालन करता है।सुबह मामले की शिकायत के बाद जब लोगों के घटना के बारे में पता चला तो सभी के कान खड़े हो गए।
पुलिस को व्याख्याता शिक्षिका ने बताया कि 22 मई की रात करीब 11.30 बजे यश कोचिंग के संचालक यश चंद्राकर गलत नियत से उसके घर की बाउंड्रीवाल को फांदकर अंदर पहुंच गया। खिड़की के पास से दरवाजा खोलने के लिए आवाज देने लगा। दरवाजा नहीं खोलने पर वह धमकी देने लगा कि मंत्री से बोलकर उसके खिलाफ कार्रवाई करा देगा।
शिक्षिका ने बताया कि वह दरवाजा नहीं खोला तो युवक ने बोला इसका परिणाम गलत होगा। शिक्षिका ने बताया कि युवक खिड़की को बार-बार पीट रहा था। आधीरात को पुलिस को फोन लगाने पीडि़ता ने प्रयास किया, फोन नहीं लगा तो शिक्षिका ने अंदर से आवाज दी कि वह पुलिस को बुला रही है। पुलिस की बात सुनकर कोचिंग संचालक बाउंड्रीवाल फांदकर फरार हो गया।
शिक्षिका ने बताया कि वह रातभर डर के चलते सो नहीं पायी, सुबह होने पर चारामा पुलिस को इसकी लिखित में शिकायत की है। पीडि़त शिक्षिका चारामा के एक शासकीय स्कूल में व्याख्याता है। शिक्षिका ने बताया कि वह यश चंद्राकर को पहले से जानती है। इसकी भनक मीडिया तक पहुंची तो पीडि़त शिक्षिका ने 24 मई को पुन: थाने पहुंचकर इस मामले में कार्रवाई नहीं चाह रही पत्र दिया। यह जानकारी चारामा थाना प्रभारी ने दी है।
युवक बोला- शिक्षिका का आरोप गलत
यश कोचिंग संचालक यश चंद्राकर ने बताया कि वह भानुप्रतापपुर से अपने दो शिक्षकों के साथ रात करीब 10.30 बजे चारामा पहुंचा था। चारामा की शर्मा नाम की शिक्षिका उसकी पहले से परचित थी। शर्मा नाम की शिक्षिका को वह दीदी बोलता है। चंद्राकर ने बताया कि उसके दोस्त उदित की कार शिक्षिका के भवन के सामने बाहर खड़ी थी। दोस्त उदित को समझकर वह शिक्षिका को दरवाजा खोलने आवाज लगा रहा था। वह गलत नियत से शिक्षिका के घर नहीं गया था। वहीं शिक्षिका ने बताया कि कार उसकी है, कार कभी-कभी उदित चलाता है।

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