दुग्ध उत्पादन में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी बढऩे के बाद मिलावट की खबरें पहुंचने लगी हैं। प्रशासन कार्रवाई तो कर रहा है, लेकिन प्रयास नाकाफी देख अब खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने सीधे उत्पादक क्षेत्र की निगरानी बढ़ाने का फैसला किया है। इस निगरानी के तहत सबसे पहले उन ग्वालों को लिया जा रहा है जो गांव-देहात से शहरों को दूध की आपूर्ति करते हैं। प्रशासन का मानना है कि इस क्षेत्र की पहली ही सीढ़ी से यदि नियमों की अनिवार्यता लागू की जाए तो काफी हद तक मिलावट पर अंकुश लगाया जा सकता है।