शर्मा की माने तो आने वाले हफ्ते भर में यदि बारिश नहीं हुई तो ब्लॉक में 13 हजार 900 हेक्टेयर के रकबे में लगी धान की फसल लगभग 34 हजार एकड़ चौपट हो जाएगी। कृषि विभाग के सर्वे में पता चला है कि पानी की कमी के चलते फसल सूखने लगी है। ऐसी स्थिति में पानी ही फसल को बचाने का एकमात्र चारा है।
ऐसी स्थिति में अकाल जैसी आशंकाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। किसान शोभाचंद्र की माने तो मुश्किल से चार से पांच दिन का ही वे इंतजार करेंगे, यदि इस बीच भी बारिश नहीं हुई तो उनके 15 एकड़ में बोया गया फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा।