scriptये है हादसों का शहर, खूनी है यहां की सड़कें, अब तक 169 गंवा चुके हैं अपनी जान | Dangerous City: 169 killed in Baloda Bazar road accident in 8 month | Patrika News

ये है हादसों का शहर, खूनी है यहां की सड़कें, अब तक 169 गंवा चुके हैं अपनी जान

locationबलोदा बाज़ारPublished: Sep 25, 2019 07:22:57 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

बलौदाबाजार जिले के ज्यादातर मुख्य मार्ग तेज गति से दौड़ते हैवी वाहनों की वजह से दो पहिया और छोटे वाहनों के लिए डेंजर प्वाइंट बन चुके हैं।

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बलौदाबाजार. छत्तीसगढ़ का एक जिला ऐसा भी है, जो वहां से गुजरने से पहले कई बार सोचता है। कारण है आठ महीने में सड़क हादसे। इस दौरान यहां कुल 445 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिसमें 169 लोगों की मौत हो गई, जबकि 442 घायल हो गए।
बलौदाबाजार के ज्यादातर मुख्य मार्ग तेज गति से दौड़ते हैवी वाहनों की वजह से दो पहिया और छोटे वाहनों के लिए डेंजर प्वाइंट बन चुके हैं। दो पहिया वाहन वाले जान हथेली पर लेकर गुजरते हैं। जिले में प्रतिवर्ष सड़क हादसों की संख्या बढ़ रही है। बावजूद इसके यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने पुलिस प्रशासन उदासीन है। जनवरी से लेकर अगस्त माह के दौरान जिले में 445 सड़क दुर्घटनाओं में 169 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 442 लोग घायल हो चुके हैं।
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पूरे देश में एक ओर जहां केन्द्र सरकार के नए यातायात नियमों को लेकर हल्ला मचा हुआ है, वहीं जिले में पुलिस विभाग तेज रफ्तार वाहनों पर ही रोक नहीं लगा पा रही है। राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार के नए यातायात नियमों को प्रदेश में भले ही लागू करने से इनकार कर दिया है, परंतु प्रदेश में अब तक यातायात नियम तथा इनको कड़ाई से लागू किए जाने के प्रति भी जागरुकता नहीं दिखाई जा रही है। जिसका खमियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

सड़क दुर्घटनाएं लगातार बढ़ रही
जिले में पूरे वर्ष भर के दौरान हत्या, हत्या का प्रयास, जहरखुरानी, आत्महत्या, महामारी, प्राकृतिक आपदा से कुल मिलाकर होने वाली मौतों से अधिक मौतें सड़क हादसों में हो रही हैं। जिला मुख्यालय से रायपुर, कसडोल, सुहेला तथा भाटापारा को जोडऩे वाले मुख्य मार्ग का नवीन निर्माण कुछ माह पूर्व ही हुआ है। जिसके चलते इस मार्ग से गुजरने वाले हैवी वाहनों की स्पीड बेहद तेज होती है।

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पुलिस विभाग ने कहने भर के लिए डेंजर प्वाइंट भी तय किए हैं तथा स्टापर भी लगाए जाने के बड़े दावे किए जाते हैं, परंतु इन मार्गों पर ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों के सामने हैवी वाहन 80-100 की स्पीड में गुजर जाते हैं तथा इन तेज रफ्तार वाहनों पर किसी प्रकार की कारर्वाई भी नहीं की जाती है।
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