बलौदा बाजार के रहने वाले युवक ओम प्रकाश टंडन और मिथलेश बंजारे नौकरी की तलाश कर रहे थे इसी दौरान उनकी मुलाकात नरेंद्र कश्यप और उसके साथी अजय भारती से हुई और उन्होंने बताया की सरकारी महकमे में उनकी काफी जान पहचान है और वो उन्हें आसानी से सरकारी नौकरी दिला सकते हैं।ओमप्रकश और मिथलेश उनके झांसे में आ गए।
नरेंद्र कश्यप ने उन्हें सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर साक्षात्कार के लिए बुलाया और उनसे अपने खाते में 2 लाख 70 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए।इसके बाद नरेंद्र कश्यप के एक और साथी ओम प्रकाश ने फर्जी अधिकारी बनकर फरवरी में नया रायपुर के कल्याण भवन में फर्जी साक्षात्कार लिया और उन्हें वाहट्सएप्प के माध्यम से नियुक्ति पत्र भी भेज दिया और कहा की पुरे पैसे मिलने पर ओरिजनल नियुक्ति पत्र उन्हें मिल जाएगा।
नरेंद्र कश्यप ने उन्हें सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर साक्षात्कार के लिए बुलाया और उनसे अपने खाते में 2 लाख 70 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए।इसके बाद नरेंद्र कश्यप के एक और साथी ओम प्रकाश ने फर्जी अधिकारी बनकर फरवरी में नया रायपुर के कल्याण भवन में फर्जी साक्षात्कार लिया और उन्हें वाहट्सएप्प के माध्यम से नियुक्ति पत्र भी भेज दिया और कहा की पुरे पैसे मिलने पर ओरिजनल नियुक्ति पत्र उन्हें मिल जाएगा।
ओरिजनल नियुक्ति पत्र नहीं मिलने पर हुआ शक सरकारी
इतने पैसे देने के बाद भी ओरिजनल नियुक्ति पत्र नहीं मिला तो उन्हें कुछ शक हुआ और उन्होंने सरकारी दफ्तर में जा कर व्हाट्सप्प पर मिले नियुक्ति पत्र की सत्यता जानने का प्रयास किया तब उन्हें पता चला की वो फर्जीवाड़े का शिकार हो गए हैं। दोनों ने पलारी थाने में शिकायत दर्ज करवाई है और पुलिस ने उनकी शिकायत पर नरेंद्र कश्यप,अजय भारती और ओमप्रकाश के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।