वैसे खंड वर्षा और धीमी बारिश से किसान चिंतित हो गए थे। आषाढ़ यूं ही बीत गया था और सावन भी आधा से ज्यादा खत्म हो गया था, परंतु बुधवार की बारिश ने जान में जान ला दी है। हो रही इस बारिश से हर कोई खुश नजर आ रहा है। वैसे पिछले 10 दिनों से पानी के लिए किसान चिंतित थे। इस बारिश से चिंता कम हुई है। किसानी का काम अब बहुत तेजी से आगे बढ़ेगा।
मेहनत करके किसान पिछड़ गई खेती को संभालने में पूरा जी जान लगाएंगे। किसानों का कहना है कि समय निकलते चला जा रहा था। पिछले बरस भी सावन में यही हालत थी। अभी के मौजूदा हालात में उन्हीं किसानों के खेतों में रोपाई, चलाई और बियासी का काम हो रहा था जिनके पास स्वयं के संसाधन अथवा नहर पानी पलता है। बाकी किसान ऊपर की ओर ताक रहे थे। अब सभी किसानों को राहत मिली है।
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