10 दिन पूर्व पांच युवक लाठी और डंडों से लैस होकर एक घर में घुस गए और घर के अंदर बैठ परिवार के तीन सदस्यों की, जिसमें एक महिला भी है की जमकर पिटाई कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। इन पांच युवकों की दबंगई को देख पास खड़े लोग सबकुछ देखने के बाद भी सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। पांचों युवक 15 मिनट तक आतंक मचाते रहे। उसके बाद धमकी देकर भाग गए। इस बीच किसी ने पुलिस को सूचना दी और कुछ देर बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जबां बाप-बेटी की गंभीर हालत को देखते हुए डॉ. ने उन्हें रायपुर रेफर कर दिया। हमले में दोनों के सिर फट गए हैं। लेकिन मामले की विवेचना कर रहे थाना में पदस्थ एक उपनिरीक्षक ने मामूली धाराएं दर्ज कर आरोपियों को थाने से ही चलता कर दिया।
इतना ही नहीं मारपीट करने वाले युवकों की संख्या पांच थी, लेकिन उक्त उप निरीक्षक ने आरोपियों की संख्या चार कर दी, ताकि उन पर बलवा की धारा न लगे। घटना के अंजाम देने ये युवक तीन गाडिय़ों पर बैठकर लाठी-डंडा लेकर पहुंचे थे, लेकिन विवेचक ने उनकी गाडिय़ों तक को भी जब्त नहीं किया।
इसी तरह घर में घुसकर मारपीट करने की धारा भी आरोपियों पर नहीं लगाई गई। आरोपियों को रिपोर्ट लिखने के दौरान ही बचा लिया गया, क्योंकि प्रार्थी ने घर में घुसकर मारपीट (Crime news)करने की शिकायत पुलिस से की थी, लेकिन पुलिस ने घर में घुसने की बात का एफआईआर में कहीं जिक्र तक नहीं किया है।