मिली जानकारी के अनुसार ग्राम छांटा के राकेश पिता ताराचंद साहू (25) के मोबाइल नंबर 8435731121 पर 15 नवंबर को 9718931309 से किसी महिला का फोन आया। जिसने राकेश से कहा कि वह उसकी नौकरी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इण्डिया में लगवा सकती है। लेकिन इसके लिए उसे रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर कुछ रुपए जमा करने होंगे। सामने वाली महिला की बातों में ऐसा विश्वास था कि बेरोजगार राकेश उसमें फंस गया। उसने हामी भर दी। इसके बाद महिला ने उसे अपना एक्सिस बैंक का खाता नंबर दिया। इसमें राकेश ने उसी दिन राजिम के एक्सिस बैंक में संबंधित रकम जमा कर दी। अगले दिन महिला ने उसे दूसरे मोबाइल नंबर 9355450318 से फोन किया।
अपने सीनियर से बात कराते हुए ट्रेनिंग फीस के नाम पर 7,840 रुपए जबकि एक दिन बाद फिर फोन कर यूनिफॉर्म के लिए 13,200 रुपए जमा करा लिए। इतना ही नहीं 19 नवम्बर को जॉब सिक्यूरिटी के नाम पर 25 हजार रुपए अलग से जमा करवा लिए। इन सबके बाद 20 नवम्बर को जब महिला ने पुन: राकेश को फोन कर मकान किराए और इंश्योरेंस के नाम पर 35 हजार रुपए जमा करने कहा, तब राकेश को खुद के ठगे जाने का अहसास हुआ। इसके बाद उसने आपबीती से अपने परिजनों को अवगत कराया।
पुलिस को बताई आपबीती: परिजन पीडि़त को लेकर 21 नवम्बर को थाना गोबरा नवापारा गए। यहां मौजूद एएसआई एसके साहू ने प्रकरण को सुनकर उसे राजिम थाने का बताते हुए वहां जाकर रिपोर्ट दर्ज कराने कहा। आज जब वे लोग राजिम थाना पहुंचे तो टीआई विकास बघेल ने उन्हें प्रकरण थाना गोबरा नवापारा का बताते हुए वहीं जाने की सलाह दी। लेकिन नवापारा टीआई रमेश मरकाम ने घटना के विवरण अनुसार प्रकरण राजिम थाने का ही होने की बात कह दी। थक-हारकर राकेश ने स्पीडपोस्ट के माध्यम से गरियाबंद एसपी को शिकायत पत्र प्रेषित कर दिया है।
रिपोर्ट दर्ज कराने घुमते रहे पीडि़त
इस संबंध में टीआई गोबरा नवापारा रमेश मरकाम ने बताया कि जिस स्थल पर पैसा जमा किया गया है। धोखाधड़ी वहीं हुई है। चूंूकि पैसा राजिम के बैंक से जमा किया गया है, इसलिए कायदे से रिपोर्ट भी राजिम थाने में ही दर्ज की जाएगी। दूसरी ओर राजिम टीआई विकास बघेल ने बताया कि भले ही पीडि़त ने राजिम के बैंक से पैसा जमा किया है। लेकिन उसको संबंधित ठग महिला का फोन उसके घर यानि छांटा में आया है।
जो कि गोबरा नवापारा थाना क्षेत्र का हिस्सा है। वहीं से इस धोखाधड़ी की शुरुआत हुई है। लिहाजा अपराध भी उसी क्षेत्र में दर्ज होगा। इस संबंध में अधिवक्ता रविकांत सेठ का कहना है कि राजिम के बैंक से अज्ञात आरोपी के खाते में पैसा जमा किया गया है। कानून के हिसाब से अपराध भी उसी थाना क्षेत्र यानि राजिम में ही दर्ज होगा। वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश देवांगन ने भी रविकांत की बातों का समर्थन करते हुए अपराध राजिम थाने में ही दर्ज होने की बात कही।