दोनों ही प्रत्याशियों द्वारा बलौदा बाजार विधानसभा की सक्रिय राजनीति में कभी भी भाग नहीं लिया गया। भाजपा प्रत्याशी प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे तथा मोदी सरकार के नाम पर वोट मांग रहे हैं। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी कांग्रेस पार्टी की न्याय योजना तथा छत्तीसगढ़ सरकार की कर्जमाफी के नाम पर मतदाताओं को साधने में जुटे हैं। जबकि जिला निर्माण के सात साल बाद भी बलौदाबाजार में ढेरों समस्याएं तथा अधूरे कार्य हैं। कई प्रकार की सुविधाएं नहीं हैं। बावजूद इसके कोई भी प्रत्याशी स्थानीय मुद्दों पर चर्चा तक नहीं कर रहे हैं। जिसके चलते मतदाताओं ने भी चुप्पी साध रखी है।
जिसमें जिला मुख्यालय तथा आसपास के इलाकों में कुछ ही माह पूर्व बनी सडक़ें, स्टापडैम के घटिया निर्माण, जिले के रेत घाटों में रेत की कालाबाजारी, बलौदा बाजार के लिए हाईटेक बस स्टैंड, रेलवे लाइन, केन्द्रीय विद्यालय, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थाएं, शासकीय बीएड महाविद्यालय, छग गृह निर्माण मंडल का कार्यालय, लोकनिर्माण विभाग के अधीक्षणयंत्री का कार्यालय, राष्ट्रीय राजमार्ग का कार्यालय, आयुर्वेदिक महाविद्यालय तथा चिकित्सालय, पर्यटन तथा पुरातत्व विभाग का कार्यालय, उद्यानिकी महाविद्यालय, सिटी बस, लटुवा मार्ग का चौड़ीकरण, बलौदाबाजार से बिलासपुर रोड का नवीन निर्माण, महिला समृद्धि बाजार का निर्माण, नर्सिंग महाविद्यालय, ट्रांसपोर्ट नगर की व्यवस्था प्रमुख हैं।