आए दिन सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है। काम की स्वीकृति भी मिल गई थी, लेकिन इसके बाद भी काम शुरू नहीं हो पाया। ऐसी स्थिति में वोट करने या नहीं करने का क्या मतलब रह गया है। आवेदन करने पहुंचे जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष देशबंधु नायक, विधाधर पात्र, महेन्द्र मसरा ने बताया कि गत 25 सालों से सैकड़ों आवेदन करते आ रहे हैं। लेकिन आज तक सेनमुड़ा नदी पर पुलिया बनाने के लिए जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया। इसी के चलते ही ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा है। वहीं, चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय 12 गांव के लोग ले चुके हैं।
एसडीएम, निर्भय साहू ने बताया चुनाव बहिष्कार के संबंध में ग्रामीण आवेदन करने आए थे। मैंने उन्हें समझाइश दी कि सेनमुड़ा नदी पर पुलिया स्वीकृत हो चुका है, लेकिन किसी तरह के तकनीकी समस्या के चलते काम शुरू नहीं हो पाया है। वहीं, शासन स्तर पर रिवाइज इस्टीमेंट के लिए भेजा गया है। वहीं, मैंने उन्हें यह भी समझाने का प्रयास किया है कि आचार संहिता के दौरान शासन स्तर से कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सकता। आचार संहिता के समाप्त होने तक का उन्हें इंतजार करना पड़ेगा। ग्रामीणों से वोट करने की अपील मैंने की है।