गौरतलब हो कि जिले में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद धारा 144 लागू की गई है। इसके बावजूद कलक्टोरेट में भीड़ जमा हो रही है। इससे प्रशासन की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। विदित हो कि कई दिनों से ग्रामीण विवाह की अनुमति के लिए पहुंच रहे हैं और एकाएक संख्या बढ़ गई है। वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए किस प्रकार आयोजन किया जाना है, कितने लोग रहेंगे, अनुमति की प्रक्रिया क्या होगी आदि विषयों पर जिला प्रशासन ने समय पर नियमों की लोगों को जानकारी नहीं दी है। इसलिए यह स्थिति निर्मित हुई है।
दरअसल लॉक डाउन खुलने के इंतजार में लोगों ने शादी कार्यक्रम कुछ दिनों के लिए टाल दिए थे, लेकिन बलौदाबाजार जिले में 19 कोरोना पॉजिटिव मिलने से सबका सब्र टूट गया है। जिले में धारा 144 लागू कर दी गई, लोगों का धूमधाम से शादी करने का सपना टूट गया है। मजबूरी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शादी करने को तैयार हुए और इसकी अनुमति के लिए कलक्टर कार्यालय पहुंच गए।
मंगलवार को कलेक्टोरेट परिसर में हजारों लोगों की भीड़ जुट गई। हसौद निवासी सत्यनारायण पटेल ने बताया कि अपने परिजनों के लिए शादी की अनुमति लेने वे सुबह से यहां पहुंचे थे। यहां पर लंबी लाइन लगी थी इसके बाद पुलिस प्रशासन द्वारा उन्हें वहां से हटाया गया। जिला प्रशासन द्वारा बताया गया कि शादी के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति की जरूरत नहीं है।
भोथीडीह निवासी गोमान सिंह साहू ने बताया कि शादी ब्याह के कार्यक्रम के लिए पहले प्रशासन से अनुमति लेने को कहा गया था, इसलिए वे लोग यहां पहुंचे थे। यहां लगी लंबी कतार से लोग भी भयभीत हो गए। उन्होंने कहा कि प्रशासन को इसकी व्यवस्था करनी चाहिए।