मजदूर पर गर्म सब्जी उड़ेल दी, हाथ भी तोड़ दिया, चार महीने से इंसाफ मांगने भटक रहा युवक
पीडि़त को देख उपहास उड़ाते रहे वे अब मजदूर के साथ हुए अत्याचार के खिलाफ मामला दर्ज करने की तैयारी में है।

धरसींवा. एक पीडि़त पिछले चार माह से पुलिस थाना के पास भूखे प्यासे हर रोज बैठे रहता है। जिसे देख मीडियाकर्मियों ने नए थाना प्रभारी से इनकी आप बीती सुनाई तो वे भी दंग रह गए। जो पुलिस इस पीडि़त को देख उपहास उड़ाते रहे वे अब मजदूर के साथ हुए अत्याचार के खिलाफ मामला दर्ज करने की तैयारी में है। यह सब हुआ मामला के मीडिया में आने के बाद।
अब नए सिरे से इस अत्याचार के खिलाफ मामला दर्ज होगा। जिससे पीडि़त को इंसाफ मिलने की उम्मीद जागी है। उद्योग नगर सिलतरा में आज अपराध पूरी तरह से पांव पसार चुका है, जिसका सबसे बड़ा कारण अगर हम पुलिस वालों को कहे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। उद्योग नगर सिलतरा में खुले एक कैंटीन में कार्य करने वाले उत्तरप्रदेश के देवा परिहार पिता राम खिलावन (45) वर्ष कंपनी के कैंटीन में भोजन बनाने का कार्य करते हैं।
जो कि विगत तीन नवम्बर को सुबह उद्योगपति के करीबी रिश्तेदार जो कैंटीन का ठेकेदार है जिसके एक करीबी ने गल्ले से कुछ राशि निकाल लिए जिसे मजदूर देवा परिहार ने देख लिया और इसकी शिकायत कैटीन ठेकेदार से की। इससे नाराज कैंटीन ठेकेदार ने उल्टे ईमानदारी दिखाने वाले के ऊपर ही पक रही सब्जी उड़ेल दी, जिससे मजदूर के दोनों पैर बुरी तरह झुलस गए है। ठेकेदार का उसमें भी मन नहीं भरा तो उसने मजदूर को धक्के मारकर भगा दिया।
3 माह बाद पुलिस ने दिए हस्तक्षेप अयोग्य की कॉपी
पीडि़त मजदूर जब अपनी शिकायत लेकर पुलिस चौकी पहुंचा तो पुलिस वाले ही उसका उपहास उड़ाते रहे। पुलिस कैंटीन वालों से मिलकर मामले को लटकाते रहे। वहीं सिलतरा चौकी प्रभारी ने पीडि़त व्यक्ति को रिपोर्ट नहीं करने की सलाह देकर कैंटीन ठेकेदार से आठ हजार रुपए दिलवाए और कुछ ही देर बाद उक्त मजदूर से कैंटिन के गुर्गों से पैसे भी छिनवा लिए। गुर्गों में मजदूर की एक हाथ की हड्डी भी तोड़ दी। आखिरकार पुलिस ने तीन फरवरी को पीडि़त को एक पत्र दे दिया कि यह केश पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य है।
मीडिया के हस्तक्षेप के बाद अब होगी कार्यवाही
हर रोज एक खामोश व्यक्ति हर रोज थाने के बाहर खाकी वर्दी को निहारते कई लोगों ने देखा। कई लोगों के जहन में यह सवाल उठता रहा कि आखिर या व्यक्ति पीडि़त है या पागल यह चर्चा जोरों पर थी। पर कोई इसकी मदद करने आगे नहीं आया जब मीडिया कर्मियों को इसकी भनक लगी तो उनसे बात किए और नए थाने पर भारी के समक्ष ले जाकर इसकी आपबीती सुनाई जिसे सुनकर थाना प्रभारी नरेंद्र बंछोर भी हतप्रभ रह गए कि वास्तव में कुछ पुलिसकर्मी भी इस तरह के होते हैं जिसे सुनकर थाना प्रभारी ने मजदूर को आश्वस्त किया कि बहुत जल्द अपराधी पुलिस के गिरफ्त में होंगे।
अब पाइए अपने शहर ( Baloda Bazar News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज