मदर्स डे से ठीक एक दिन पहले एेसी अनहोनी घट गई जिसमें इन दोनों बेटियों के सिर से मां का साया छीन गया। दर्दनाक हादसे में पिता भी नहीं रहे। बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल है। पढि़ए दर्दनाक कहानी
Mother’s day: Mother dead in road accident before Mother’s day
बलौदाबाजार. मां, बेटी की हर जरूरत को समझती है। उसकी परेशानियां, खुशियां, इच्छाओं को भला मां से बेहतर कौन जानेगा? लेकिन नुपूर और आयुषी की परेशानियां, खुशियां, इच्छाओं को भला अब कौन देखेगा, क्योंकि मदर्स डे से ठीक एक दिन पहले ऐसी अनहोनी घट गई जिसमें इन दोनों बेटियों के सिर से मां का साया छीन गया।
दर्दनाक हादसे में पिता भी नहीं रहे। बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल है। बेटियां बार-बार मां और पिता को याद कर बेहोश हो जा रही हैं। इस घटना ने पूरे इलाके के लोगों को बुरी तरह झकझोर दिया। इस दुख की घड़ी में हर कोई उनके साथ खड़े होने का दिलासा दे रहे हैं, वहीं अपने आंसू भी रोक नहीं पा रहे हैं।
दरअसल,घटना छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले की है, जहां पलारी के पास कुसमी में हुए एक भीषण सड़क हादसे में बलौदाबाजार के सराफा कारोबारी जोगेन्द्र सोनी (मक्का) और उनकी पत्नी की मौत हो गई। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बलौदाबाजार निवासी जोगेंद्र सोनी उर्फ मक्का सोनी (57) पत्नी गीता सोनी (54), बेटी नुपुर सोनी (22), आयुषी सोनी (20) शुक्रवार रात 10.30 बजे रायपुर से अपने घर बलौदाबाजार कार से लौट रहे थे, तभी पलारी से 6 किमी दूर ग्राम कुसमी के पास बलौदाबाजार से वापस जा रहे पिकअप वाहन और कार में भिड़ंत हो गई।
दुर्घटना में कार सवार सभी लोगों को गंभीर चोटें आई। घटनास्थल पर ही जोगेंद्र सोनी और गीता सोनी की मौत हो गई। वहीं उनकी दोनों बेटियों और पिकअप चालक नंदकिशोर शर्मा को गंभीर चोटें आई। दुर्घटना के बाद आसपास के लोगों ने सभी को 108 से पलारी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉ. पंकज वर्मा ने जोगेंद्र सोनी और उनकी पत्नी गीता सोनी को मृत घोषित कर दिया। बाकी घायलों का प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया।
छोटी बेटी ने किया अंतिम संस्कार दुर्घटना के दूसरे दिन शनिवार को मृतक जोगेंद्र सोनी उर्फ मक्का सोनी और गीता सोनी का रायपुर रोड स्थित मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया। घटना ने सराफा बाजार के व्यापारियों को हतप्रभ कर दिया है। शनिवार को मृतक की छोटी बेटी आयुषी लडखड़़ाते कदमों से माता पिता की अर्थी को कांधा दिया और कांपते हाथों से अपने माता-पिता की चिता को आग दी तो हर किसी की आंखें नम हो गई।
बेटी आयुषी ने अंतिम संस्कार की रस्म पूरी की और एक बेटे की तरह हर जिम्मेदारी को निभाई। शुक्रवार की शाम दर्दनाक हादसे माता-पिता को एक साथ खोने वाली आयुषी खुद भी उस दुर्घटना में चोटिल हुई थी लेकिन माता-पिता का अंतिम संस्कार करना था सो दिल पर पत्थर रख और अपने जख्मों-दर्द की परवाह किए बगैर आयुषी मुक्तिधाम पहुंची और अपना फर्ज निभाया।