जिला मुख्यालय बलौदा बाजार में बाहरी राज्यों से आने वाले ग्रामीणों का आना लगातार जारी है। परंतु अफसोस की बात है कि इस बाबत बार-बार आगाह किए जाने के बावजूद प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की पहल नहीं की जा रही है। शनिवार सुबह को भी तीन ट्रकों में बैठकर आए मजदूर रायपुर रोड में उतर गए, वहीं शनिवार सुबह आंध्र प्रदेश की बस में सवार होकर आए मजदूर नगर के मुख्य मार्ग किनारे उतार दिए गए।
परंतु इन सभी से प्रशासन पूरी तरह से बेखबर रहा। जिले में कोरोना पाजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, बावजूद इसके अधिकारियों का उदासीन रवैया और लापरवाही पूरे जिलेवासियों के लिए भारी पड़ सकती है। जिले में सामान्यजनों के लिए हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं और अधिकारियों ने केवल भगवान भरोसे पूरी व्यवस्था को रख छोड़ा है जो घोर लापरवाही है।
आंध्र प्रदेश की बस कैसे पहुंच गई
नगर में शनिवार को पहुंची आंध्रप्रदेश की बस ने तमाम व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। प्रशासन द्वारा जिन वाहनों से ग्रामीणों को लाया जा रहा है उसे कृषि उपज मण्डी में लाए जाने और वहां चिन्हांकित किए जाने की बात की जाती है, परंतु अपने साधनों से आने वाले ग्रामीणों की पड़ताल के लिए आज तक स्थानीय प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने किसी प्रकार की प्लानिंग नहीं की है। शनिवार को आंध्र प्रदेश की बस रायपुर से मुख्य मार्ग होते हुए बलौदा बाजार तक पहुंच गई परंतु इसकी कहीं पर भी पड़ताल नहीं की गई।
इससे पूर्व भी इसी तरह के कई वाहन ग्रामीण मजदूरों को लेकर पहुंचे हैं, परंतु कहीं पर भी इनको रोका तक नहीं गया है। बलौदाबाजार उतरने के बाद जब श्रमिक अपने मूल ग्राम जाते हैं तब उनको क्वारेंटाइन किया जाता है, परंतु बलौदा बाजार में उतरकर ग्रामीण नगर के सब्जी, फल बाजार और अन्य दुकानों तक जाते हैं और खरीददारी करते हैं जिससे संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ गया है।
केवल क्वारंटाइन सेंटर भरोसे व्यवस्था
जिला प्रशासन जिले में केवल क्वारंटाइन सेंटर के भरोसे ही कोरोना पर लगाम लगाने की कवायद कर रहा है। इसके अलावा प्रशासन के पास कोई प्लान नहीं है। जिले के क्वारंटाइन सेंटर तक जाने के पूर्व ग्रामीण कहां-कहां तक जाता है और किससे मिलता है इसकी केवल कागजों पर ही पड़ताल की जा रही है, जिसका परिणाम है कि जिले में पाजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
अपनी सुरक्षा स्वयं करें
जिले में कोरोना संक्रमण के तेजी से पांव पसारने के बाद भी लॉकडाऊन में पूरी तरह से छूट दे दी गई है, जिससे खतरा और अधिक बढ़ गया है। बाजार की दुकानों में ग्राहकों की भीड़, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होना, निर्धारित समय के बाद भी दुकानों के पूरी तरह से खुला होना और पुलिसिंग के पूरी तरह से बंद हो जाने के बाद एक तरह से प्रशासन ने लोगों को संकेत दे दिया है कि अपनी सुरक्षा आप स्वयं करें। ग्रामीण ईलाकों में अब पुलिसिंग बंद हो जाने के बाद साप्ताहिक बाजार और सार्वजनिक कार्यक्रम भी प्रारंभ हो चुके हैं।
विभागों के बीच तालमेल का अभाव
बाहरी राज्यों से आने वाले मजदूरों को सुरक्षित तथा बगैर दूसरे लोगों से मेल जोल के पहले अपने मूल ग्राम के क्वारंटाइन सेंटर तक पहुंचाया जाना चाहिए। इसके लिए जिला पंचायत, जनपद पंचायत तथा श्रम विभाग की प्रमुख जिम्मेदारी है। परंतु वर्तमान में सभी विभागीय अधिकारी केवल दूसरे पर ही जिम्मेदारी डालकर बचने का प्रयास कर रहे हैं। कई विभागों के आला अधिकारी तो स्वयं मोबाइल बंद कर होम क्वारंटाइन में चले गए हैं तथा पूरी जिम्मेदारी निचले कर्मचारियों पर छोड़ गए हैं ऐसी स्थिति में आने वाले दिनों में जिला कोरोना से कैसे निपटेगा बड़ा सवाल है।
जिले में 14 नए संक्रमित मरीजों की पुष्टि
जिला में शनिवार दोपहर 1 बजे तक 14 नए संक्रमित मरीजों की पुष्टि जिला प्रशासन ने की है। शनिवार को मिले सभी 14 मरीज बलौदा बाजार विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम धाराशिंव के हैं। सभी मरीज क्वारंटाइन सेंटर के ही हैं। इनमें 4 बच्चे सहित अन्य 10 लोगों की उम्र 20 वर्ष से अधिक है। सभी को रायपुर ले जाने के स्वास्थ्य विभाग की एम्बुलेंस मौके पर पहुंच गई है। इन सभी का कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा रहा रहा है।
जिम्मेदारों का कहना है
जनपद पंचायत द्वारा ग्राम पंचायतों के क्वारंटाइन सेंटर में मजदूरों की पूरी देखरेख की जा रही है। यदि कोई मजदूर बाहर से आता है तो यह श्रम विभाग या अन्य विभाग को देखना चाहिए।
-अनिल कुमार, सीईओ, जनपद पंचायत, बलौदा बाजार
पंजीकृत मजदूर यदि बाहर से आता है तो इसकी जिम्मेदारी श्रम विभाग की है। परंतु जो पंजीकृत नहीं है और वह अपने साधन से यदि जिले में पहुंचते हैं तो श्रम विभाग इसकी देखरेख कैसे करेगा।
-तेजेस चन्द्राकर, श्रम पदाधिकारी, बलौदाबाजार