नई व्यवस्था में शौकीनों के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि उन्हें मनचाहे ब्रांड की शराब नहीं मिलती। इसके अलावा मध्यप्रदेश की तुलना में शराब की कीमतें भी प्रति बॉटल 70 से 90 रुपए तक अधिक है। इस बात ने यहां शराब तस्करी का नया अवैध कारोबार शुरू कर दिया है। इस तस्करी के लिए लोग भी आसानी के मिल गए। शराब ठेकेदारी खत्म होने से इनके लोग बेरोजगार हो गए थे। इस तस्करी के काम को उन्होंने हाथों हाथ लिया। आबकारी और पुलिस विभाग की कार्रवाई में पुराने लोग बड़ी संख्या में पकड़ाए हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि केवल तस्करों के बयान लिए लेकिन आगे जांच की दिशा तय नहीं की, जबकि शराब कारोबार से जुड़े कुछ पुराने कोचियों को बाहर की शराब खपाने काम पर लगाए जाने की सूचनाएं मिलती रहती हैं।