इस वर्ष संक्रांति का वाहन सिंह एवं उपवाहन गज होगा। इस बार संक्रांति श्वेत वस्त्र धारण किए स्वर्ण पात्र में अन्य ग्रहण करते हुए कुमकुम का लेप किए हुए दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर जाती आ रही हैं। संक्रांति का प्रवेश वैश्व के घर में होने से पूरे वर्ष सभी जातकों के लिए काम की अधिकता, राजनीतिक परिवर्तन, महंगाई पर अंकुश, व्यापार में लाभ सहित कई अन्य प्रभाव देखने को मिलेंगे।
मकर संक्रांति वाले दिन लोगों गरीबों तिल, गुड़, रेवड़ी, गजक, खिचड़ी और कपड़ों का दान करते हैं। इसके साथ-साथ प्रमुख नदियों पर डुबकी लगाते हैं। मंदिरों में जाकर विशेष पूजा-अर्चना भी करते हैं। इसके अलावा इस दिन कई जगहों पर पतंग उड़ाने का भी चलन है।पंडित शर्मा के अनुसार मकर संक्रांति से मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं, इससे पहले सूर्य देवता का धनु राशि में प्रवेश करने के बाद धनु पौष मास शुरू होने के कारण सारे शुभ कार्य वर्जित थे।