इसी सन्देश को घर-घर पहुंचाने के उद्देश्य से नो प्लास्टिक की नृत्य नाटिका को कक्षा यूकेजी से दिव्यांश सेन, नासिर भाटिया, तौफीक फरहान, आराध्या सिंह, आस्था देवांगन , महक वर्मा, निधि धुरुव द्वारा यह प्रस्तुति हजारों दर्शकों के सामने मोर्डर्न इंग्लिश स्कूल भाटापारा के शाला प्रांगण में प्रस्तुत की गई। प्राचार्या प्रीति तहाणे ने भी यहीं सन्देश दिया कि पर्यावरण, मानव, पशु एवं पक्षी के लिए आत्मघाती सिद्ध होता जा रहा है।
हमें सिर्फ चंद रुपयों के लिए सभी पशु, पक्षी, मानव के जीवन को मृत्यु के गत में नहीं धकेलना चाहिए। जीवन अनमोल है, इसे सवारियें। गाय हमारी माता है, हम भारत में उसे पूजते है। ऐसी गौ माता को बाद में मरने के लिए क्यों वातावरण निर्मित कर देते है। छोटे बच्चे बड़े बूढ़े सभी प्लास्टिक के बर्तन में खाना खाकर अपने स्वास्थ्य को हानि पहुंचा रहे है।