शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कटगी से ओपन में बारहवीं की परीक्षा दिला रही कौशल्या सोनवानी को हिंदी विषय में 0 अंक दिया गया था। उसके बाद कौशल्या सोनवानी ने ओपन स्कूल में शिकायत की कि वहां के एक शिक्षक ने मुझसे 7000 की मांग की मेरे द्वारा पैसे नहीं दिए जाने पर मेरी उत्तर पुस्तिका बदल दी गई और मुझे हिंदी विषय में 0 अंक दे दिया गया। इसके बाद विभाग हरकत में आया और जांच समिति बिठाकर इस विषय में जांच शुरू कर दी। मगर जब तक जांच के परिणाम आता है उससे पहले ही उक्त छात्रा कौशल्या साहू को हिंदी में 0 अंक से सीधा 61 अंक दे दिया गया।
हैरानी वाली बात यह है कि जब विभाग उक्त शिक्षक को दोषी नहीं मान रहा है तब आखिर छात्रा कौशल्या साहू को हिंदी में जीरो से 61 अंक कैसे दिया गया और अगर विभाग उक्त शिक्षक को दोषी मान रहा है तो फिर शिक्षक पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। अगर किसी छात्र या छात्रा की उत्तर पुस्तिका बदली जाती है तो उस शिक्षक के ऊपर एफ आईआर दर्ज होना चाहिए क्योंकि कहीं न कहीं यह विषय छात्रा के साथ उसके भविष्य के खिलवाड़ का है।
इस पूरे प्रकरण में विद्यालय के दो और शिक्षकों का नाम आ रहा है जिनकी साठगांठ से ऐसा कारनामा का आरोप शिक्षकों पर है। इस विद्यालय में कई और छात्र-छात्राओं ने आरोप लगाए हैं कि उनसे भी पैसे की मांग की गई और पैसा नहीं देने पर उनको भी कई विषयों में 0 अंक दे दिया गया। जांच के परिणाम कुछ भी आ,ए लेकिन यह बात साफ है कि जिस आधार पर छात्रा का नंबर बढ़ाया गया है उससे ओपन स्कूल गलती मांग रहा है। मगर उस शिक्षक, परीक्षा प्रभारी और केंद्राध्यक्ष पर अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। अब यह देखना महत्वपूर्ण है कि उक्त कसूरवारों के ऊपर करवाई कब होती है या फिर लेटलतीफी करके उक्त मामले को दबा दिया जाता है।
ओपन राज्य ओपन स्कूल, सचिव, विजय गोयल ने बताया अभी चुनाव के मद्देनजर एसडीएम जिनको जांच अधिकारी बनाया गया है वे व्यस्त हैं। इस वजह से जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है चुनाव के बाद जांच की जाएगी और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।