लाखों रुपये की लागत से बनी सडक़ ट्रकों, हाइवा वाहनों के चलने से जगह-जगह पर धंसती जा रही है, जिसे लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीणों ने जिन-जिन जगहों पर खतरनाक गड्ढे बन गए हैं, जो राहगीरों के लिए काफी खतरनाक है। जरा सी चूक पर दुर्घटना निश्चित है। वहीं, विभागीय अधिकारियों की उदासीनता की वजह से भी उक्त सडक़ मार्ग पर क्षमता से अधिक वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे थे, जिनकी वजह से ही निर्माण के महज कुछ ही महीनों में सडक़ की स्थिति काफी जर्जर हो गई है। गहरे गड्ढे को तत्काल भरने व जर्जर सडक़ों को सुधार करने की मांग क्षेत्र के ग्रामीणों ने की है।
जब यह ट्रेक्टर गांव की गलियों व सडक़ों पर चलती है तो ट्रेक्टर में लगे केच व्हील से सडक़ व गलियां उखड़ कर खराब हो रही है। ट्रेक्टरों में लगे डबल केचव्हील से जहाँ किसानों को खेतों की जुताई व मताई में आसानी हो रही है, वहीं दूसरी ओर सडक़ खराब होने से शासन को क्षति पहुँच रही है। ट्रेक्टर में लगाए जा रहे डबल केचव्हील पर प्रशासन द्वारा रोक नहीं लगाई गई तो सडक़ पूरी तरह उखड़ कर जर्जर स्थिति में पहुंच जाएगा।
जिसमें खास कर गांव-गांव में प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत बनी सडक़ पाण्डुका से लेकर जतमई माता मंदिर का सडक़ का हाल बेहाल है। हर साल की तरह संबंधित विभाग की चुप्पी को देख कर लगता है की विभाग कार्यवाही के मूड में नहीं है।