सूचना मिलते ही आधी रात स्वास्थ्य अमला गांव में पहुंचा और अन्य आधा दर्जन पीडि़तों का उपचार शुरु किया। इधर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस मामले में कहा है कि उक्त इलाका डायरिया जैसी बीमारियों के लिए संवेदनशील रहा है। यदि स्वास्थ्य अमले की इसमें लापरवाही पाई जाती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वाड्रफनगर-बलंगी मार्ग पर स्थित ग्राम गैना, सेमरियापारा में शनिवार को एक घर में उस वक्त मातम पसर गया, जब परिवार के 3 सदस्यों की मौत 6 घंटे के भीतर ही डायरिया से हो गई। बताया जा रहा है कि ननकू पिता रामसाय 70 वर्ष को 12 सितंबर को उल्टी-दस्त की शिकायत हुई। उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।
डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया था लेकिन सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण परिजन उसे घर ले आए। इसी बीच 14 सितंबर को ननकू की भाभी फूलमती पति बीर सिंह 70 वर्ष तथा फूलमती की नातिन 15 वर्षीय राजपति पिता संत कुमार भी उल्टी-दस्त की चपेट में आ गईं। समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण राजपति की शनिवार की शाम करीब 6 बजे मौत हो गई। वह कक्षा 9वीं की छात्रा थी।
रात में देवर-भाभी ने तोड़ा दम
पीडि़त परिवार 15 वर्षीय बेटी की मौत का मातम मना ही रहा था कि दोनों बुजुर्ग ननकू और फूलमती ने भी रात करीब 11 बजे दम तोड़ दिया। एक ही परिवार के 3 सदस्यों की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
पीडि़त परिवार 15 वर्षीय बेटी की मौत का मातम मना ही रहा था कि दोनों बुजुर्ग ननकू और फूलमती ने भी रात करीब 11 बजे दम तोड़ दिया। एक ही परिवार के 3 सदस्यों की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
अलसुबह पहुंचा स्वास्थ्य अमला
एक ही परिवार के 3 सदस्यों की मौत की खबर रात 3 बजे जब स्वास्थ्य विभाग को मिली तो हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पहुंच गई। यहां टीम ने परिवार के अन्य सदस्यों की जांच की।
इसी बीच पता चला कि उक्त गांव में करीब आधा दर्जन अन्य ग्रामीण भी उल्टी-दस्त से पीडि़त हैं। इस पर स्वास्थ्य अमले ने कैंप लगाकर उनका इलाज शुरु किया। टीम द्वारा गंभीर पीडि़तों को अस्पताल रेफर किया जा रहा है।
2 संजीवनी एक्सप्रेस, दोनों खराब
जानकारी के अनुसार वाड्रफनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 2 संजीवनी एक्सप्रेस मिली थी लेकिन पिछले कई माह से दोनों खराब पड़े हैं। उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। ऐसे में मरीजों को रेफर करने के बाद भी इसका लाभ नहीं मिल पाता है। विवशता में मरीज के परिजन हजारों रुपए खर्च कर किराए के वाहन से हायर सेंटर तक ले जाते हैं। जिन परिजनों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती है उनकी जान पर बन आती है।
जानकारी के अनुसार वाड्रफनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 2 संजीवनी एक्सप्रेस मिली थी लेकिन पिछले कई माह से दोनों खराब पड़े हैं। उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। ऐसे में मरीजों को रेफर करने के बाद भी इसका लाभ नहीं मिल पाता है। विवशता में मरीज के परिजन हजारों रुपए खर्च कर किराए के वाहन से हायर सेंटर तक ले जाते हैं। जिन परिजनों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती है उनकी जान पर बन आती है।
महतारी से ढोए जा रहे पीडि़त
संजीवनी एक्सप्रेस खराब होने के कारण डायरिया प्रभावित ग्राम गैना से गंभीर मरीजों को महतारी एक्सप्रेस से वाड्रफनगर अस्पताल लाया जा रहा है। फिलहाल आधा दर्जन पीडि़तों को अस्पताल भेजा गया है। बताया जा रहा है कि महतारी एक्सप्रेस भी जर्जर हालत में है।
स्वास्थ्य मंत्री ने ये कहा
उक्त इलाका डायरिया के लिए शुरु से ही संवेदनशील रहा है। मेरे द्वारा स्वास्थ्य विभाग को हिदायत दी गई थी कि पूरी सतर्कता के साथ उक्त इलाके में काम करें। यदि स्वास्थ्य अमले द्वारा लापरवाही बरती गई होगी तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री