बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में गुरुवार की रात को मुखबिर से सामरी क्षेत्र से झारखंड की ओर लकड़ी तस्करी करने की सूचना मिलने पर सामरी थाना प्रभारी राजेन्द्र साहू एसपी व एएसपी के निर्देशन में दल-बल के साथ रात करीब 10 बजे ग्राम सरईडीह के समीप पहुंचे। यहां उन्होंने 3 ट्रकों को रोक कर चालकों से पूछताछ की तो उन्होंने सरई लकड़ी लोड होना बताया।
जब दस्तावेज की मांग की गई तो तीनों वाहन के चालक आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। इस पर सामरी पुलिस ने ट्रक क्रमांक बीआर 15 जी-2426, बीआर 15 जी-9633 व सीजी 04 जेड ए-1465 को जब्त कर थाने ले आए। शुक्रवार की सुबह चांदो रेंजर भी सामरी पहुंचे और झारखंड वन विभाग को सूचना दी गई।
इस पर झारखंड के कुटकु रेंज के रेंजर अनिल कुमार भी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचकर दस्तावेज प्रस्तुत किए किंतु उनका दस्तावेज सन्तोषजनक नही पाया गया। जबकि छत्तीसगढ़ में परिवहन के लिए आदेश ही नहीं लिया गया था।
झारखंड के रेंजर का ये कहना
झारखंड के कुटकु रेंजर अनिल कुमार ने बताया कि झारखंड के ग्राम सरुवत निवासी चैतू किसान द्वारा अपने निजी भूमि में लगे सरई के पेड़ो को बेचने के लिए विभाग के उच्च कार्यालय में आवेदन दिया गया था। वहां से अनुमति मिलने के बाद पेड़ों की कटाई कर उसे झारखंड के आरा मिल में भेजा जा रहा था। इसके पूर्व भी यहां से ईमारती लकड़ी का परिवहन किया जा चुका है।
सामरी पुलिस ने ये कहा
वहीं सामरी पुलिस का कहना है कि जब परिवहन अवैध नहीं था तो देर रात को वाहन क्यों पार किया जा रहा था। छत्तीसगढ़ में परिवहन करने के कागजात भी नहीं हैं। साथ ही लकडिय़ों को तिरपाल से ढंका गया था। लाखों की ईमारती लकड़ी की परिवहन की सूचना न तो सामरी थाने में दी गई और न ही स्थानीय वन विभाग को दिया जाना जरूरी समझा गया।
वाहनों को सामरी की तरफ से मुख्य मार्ग में न ले जाकर चोरी-छिपे ग्राम राजेंद्रपुर की तरफ से अमटाही होते हुए ओरसा झारखंड महुआडांड़ से डाल्टेनगंज ले जाने की तैयारी में थे। जब्त ट्रक में चालक के अलावा करीब 35 व्यक्ति भी सवार थे जिन्हें मजदूर बताया जा रहा है।