इस संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जिला न्यायाधीश सिराजुद्दीन कुरैशी ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण से न सिर्फ शासकीय व निजी कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है, अपितु आम लोगों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर दुष्प्रभाव पड़ता है। इससे उत्पन्न तनाव के कारण मानसिक व शारीरिक क्षमता में भी कमी आती है।
पूर्व में भी लग चुका है प्रतिबंध
तेज आवाज व देर रात तक डीजे बजाने को लेकर पूर्व में भी निर्देश जारी कर समय-सीमा निर्धारित की गई थी। एक तरह से इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस दौरान डीजे संचालकों ने नुकसान का हवाला देकर फिर से इसे चालू करवा लिया था। अब शादी-विवाह (Marriagee) के सीजन में फिर से डीजे का शोर सुनाई देने लगा है। अंबिकापुर में तो सीएसपी ने डीजे संचालकों की बैठक लेकर रात 10 बजे के बाद डीजे नहीं बजाने के निर्देश दिए हैं।