इस दौरान वह नाती को गोद में छिपाकर रखे रही। गनीमत रही कि उसने नाती को बचा लिया, अन्यथा एक बड़ी घटना हो जाती। फिलहाल महिला का इलाज मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में जारी है।
सामरी क्षेत्र के सुदूर ग्राम पंचायत सबाग के पहाड़ी कोरवा बाहुल्य ग्राम पोखर निवासी 55 वर्षीया दिलमनिया शुक्रवार को अपने मवेशियों को चराने के लिए उखड़ा झरिया जंगल की तरफ गई थी। वह अपने साथ रिश्ते के 3 वर्षीय नाती समीर साय को भी गोद में बैठाकर ले गई थी।
इस बीच जंगल में अपने शावकों के साथ विचरण कर रही मादा भालू से उसका सामना हो गया। भालू महिला को देखते ही उस पर टूट पड़ा। महिला अपने गोद में बैठे नाती की रक्षा करने के कारण अपना बचाव भी नहीं कर पाई। इससे भालू ने अपने पैने नाखून व दांत से महिला के सिर, चेहरे, पीठ, हाथ, पैर सहित शरीर के अन्य हिस्सों को गम्भीर रूप से जख्मी कर दिया।
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भालू इतना हिंसक हो गया था कि दो बार लौट कर
महिला के ऊपर हमला किया। इससे महिला बुरी तरह से आहत हो गई लेकिन गनीमत रही कि उसने अपने गोद में बैठे नाती को भालू के हमले से बचा लिया।
गांव के लोग पहुंचे तो भाग गया भालू
वृद्ध महिला की शोर सुनकर कुछ लोग वहां पहुंचे, भालू वहां से जंगल के अंदर जा चुका था। सभी मिलकर आहत महिला को कांवर से उठाकर पहले घर तक लाए, फिर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सबाग पहुंचे।
यहां प्राथमिक उपचार के बाद प्रभारी चिकित्सक अनिल पाठक ने महिला को रेफर कर 108 में फोन लगाया तब मौके पर संजीवनी एम्बुलेंस पहुंच गई। एम्बुलेंस के ईएमटी सूरज व पायलट राजू बड़ा केस को गम्भीरता से लेते हुए घायल महिला को ऑक्सीजन लगाने के साथ ड्रिप लगाते हुए कुसमी सीएचसी तक लाए।
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यहां नाइट ड्यूटी में मौजूद चिकित्सक डॉ राकेश ठाकुर द्वारा सहयोगी चिकित्सक संध्या गुप्ता, ड्रेसर विजय कुजूर सहित अन्य स्टाफ के साथ महिला का इलाज करते हुए उसके जख्म में कई टांके लगाए गए।
घटना की जानकारी होने पर जनपद सीईओ रणवीर साय भी अस्पताल पहुंच गए। फिर बेहतर उपचार के लिए महिला को मेडिकल कॉलेज अस्पताल अम्बिकापुर रेफर किया गया। रात में ही महिला को संजीवनी एम्बुलेंस से अम्बिकापुर ले जाया गया।