बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के कुसमी स्थित वार्ड क्रमांक-3 निवासी 50 वर्षीय ज्ञानेश्वर मैत्री उर्फ छोटे पिता स्व. बाबूलाल मैत्री नगर पंचायत कुसमी के प्रथम उपाध्यक्ष थे। इसके साथ ही वे वार्ड क्रमांक-2 के पार्षद व भाजपा के अंतिम कार्यकाल में मनोनीत पार्षद एल्डरमेन रह चुके थे। फिलहाल वे पार्टटाइम में नेटवर्किंग बिजनेस करते थे।
वे 9 मार्च को भोजन करने के बाद दिन के करीब 12 बजे बिजनेस के सिलसिले में झारखंड के महुआडांड़ जाने की बात कहकर घर से निकले थे। इधर उन्होंने महुआडांड़ न जाकर नगर के कंजिया रोड स्थित एक लॉज में यह कह कर रूम बुक करवाया कि झारखंड से नेटवर्किंग बिजनेस से जुड़े दो अधिकारी आने वाले हैं।
लॉज के मालिक इस दिन कहीं बाहर गया हुआ था। दूसरे दिन लॉज का कर्मचारी आजाद कही बाहर चला गया था। जब वह वापस आया तो देखा कि ११ मार्च की देर रात तक रूम नंबर 102 से न किसी ने पानी मांगा और न ही अन्य सामग्री। शंका होने पर उसने रूम की बेल बजाकर आवाज लगाई।
काफी देर तक कोई जवाब नहीं मिलने पर लॉज संचालक समेत अन्य को इसकी जानकारी दी। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची। देर रात हो जाने के कारण कमरे को सील कर मंगलवार की सुबह शव का पंचनामा किया गया। पीएम पश्चात शव उनके परिजन मूल निवास रायगढ़ ले गए।
नहीं हो रहा भरोसा
ज्ञानेश्वर मैत्री के इस तरह से आत्महत्या कर लेने से नगरवासी स्तब्ध है। किसी को यह भरोसा नहीं हो रहा है कि वे ऐसा भी कर सकते हैं।