इसके बाद डॉग स्क्वायड की सहायता से वन विभाग ने हाथी को करंट लगाकर मारने वाले 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 2 हाथी दांत, कुल्हाड़ी, जीआई तार व लकड़ी की खुंटी जब्त किया।
हाथी की दांत की कीमत 64 लाख रुपए बताई जा रही है। वन विभाग ने आठों आरोपियों को जेल भेज दिया जबकि इसमें शामिल 3 आरोपी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है।
मामले का खुलासा करते हुए वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ग्राम सोनहत के टोकाडांड़ पारा निवासी 11 ग्रामीणों द्वारा रघुनाथनगर वन परिक्षेत्र के शंकरपुर, नवगई जंगल में 6 नवंबर की रात करीब 11 बजे जंगली pig मारने करंट प्रवाहित तार बिछाया गया था।
इसके लिए इनके द्वारा बांस की 2-2 फिट की खुंटी में जीआई वायर लगाकर 11 हजार केवी तार से अवैध कनेक्शन लेकर करंट प्रवाहित किया गया था। दूसरे दिन जब ये उक्त स्थल पर पहुंचे तो वहां 1 नर हाथी मरा (Elephant death) पड़ा था। यह देख ग्राम सोनहत निवासी मोतीलाल पिता बंधु और दिनेश पिता रामनारायण ने योजना बनाई कि हाथी दांत को काटकर बेचने से लाखों रुपए मिलेंगे।
इसके बाद उन्होंने गांव के ही लवकुमार, लालसाय, सूरज और मोहरलाल के साथ मिलकर हाथी के दोनों दांत काट डाले। दांत काटने के बाद सूरज व लालसाय ने ये दांत मोतीलाल के घर के पास वनतुलसी के पौधों में छिपा दिए।
गड्ढा खोदकर गाड़ दिये थे दांत
हाथी के दांत को बाद में मोतीलाल द्वारा अपने घर की बाड़ी में गड्ढा खोदकर छिपा दिया गया। जब वन विभाग की गतिविधि क्षेत्र में बढऩे लगी तो उसने दोनों दांत को घर की परछी में गड्ढा बनाकर गाड़ दिया और ऊपर से मिट्टी का लेप चढ़ा दिया।
इधर जब हाथी का शव 17 नवंबर को नवगई जंगल स्थित नाले के पास मिला तो वन विभाग द्वारा आरोपियों को पकडऩे क्षेत्र के गांवों में दबिश दी गई। मामले में वन विभाग द्वारा अज्ञात के खिलाफ वन्यप्राणी अधिनियम 1972 की धारा 11, 12, 29 एवं 31, 32, 35, 39 (2, 3) के तहत अपराध दर्ज किया गया।
डॉग स्क्वायड ने आरोपियों को ढूंढ निकाला
वन विभाग द्वारा हाथी के मौत की गुत्थी को सुलझाना बड़ी चुनौती थी। इसके लिए मुख्य वन संरक्षक एबी मिंज के मार्गदर्शन, डीएफओ डॉ. प्रणय मिश्रा के निर्देशन व संयुक्त वनमंडलाधिकारी एस. सिंहदेव के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। इसके लिए बिलासपुर से डॉग स्क्वायड की टीम बुलाई गई।
इस टीम में 2 डॉग थे। इसके बाद डॉग स्क्वायड की टीम ने ने गांव में सर्चिंग की और आरोपियों के घर तक पहुंच गई। फिर पुलिस ने हाथी को मारने वाले 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि 3 की खोजबीन जारी है। पुलिस ने बुधवार को आठों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
ये है पकड़े गए आरोपी
गिरफ्तार आरोपियों में ग्राम सोनहत निवासी लालसाय पिता बंधु पंडो, सहेंद्र पिता आत्माराम चेरवा, रामवृक्ष पिता अयोध्या चेरवा, सूरज पिता रामखेलावन पंडो, जगेश्वर पिता गुलाब चेरवा, ग्राम नवगई निवासी लवकुमार पिता रामधनी गोंड़, जयमंगल पिता मोती गोंड़ तथा ग्राम शंकरपुर निवासी मोहरलाल पिता कुशियाल गोंड़ शामिल हैं।
वहीं फरार आरोपियों में ग्राम सोनहत निवासी मोतीलाल पिता बंधु पंडो, दिनेश पिता रामनारायण कोइर तथा ग्राम नवगई निवासी छोटन पिता रूपनाथ गोंड़ शामिल हैं। वन विभाग ने इनके कब्जे से हाथी के 2 दांत, 1 नग धनुष, 3 नग तीर, जीआई वायर, कुल्हाड़ी व अन्य सामान जब्त किए।
64 लाख रुपए के थे हाथी दांत
हाथी के जिन 2 दांतों को आरोपियों ने बिक्री के लिए छिपा रखा था उसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 64 लाख रुपए बताई जा रही है। दोनों दांत का वजन 32 किलो 300 ग्राम, जबकि एक की लंबाई 150 सेमी तथा मोटाई 35 सेंटीमीटर व दूसरे की लंबाई 130 सेमी व मोटाई 33 सेमी है।
कार्रवाई में डॉग मास्टर सुरेश नौरंग एवं आशीष खरे के अलावा वनपरिक्षेत्राधिकारी रामशरण राम, उप वनक्षेत्रपाल गणेश सिंह, वनपाल शिवनाथ ठाकुर, वनरक्षक राजेंद्र प्रसाद पैंकरा, रामकुमार यादव, संजीव सिंह, अंजनी सोनवानी, लालबहादुर जायसवाल एवं महिला वनरक्षक मोनिका तिग्गा, जोसफिन केरकेट्टा व सिलोफिना भगत शामिल रहे।