परिजनों द्वारा आधार कार्ड प्रस्तुत करने के बाद भी तहसीलदार ने बिना जांचे-परखे उन्हें अनुमति भी दे दी। अब यह अनुमति उनके गले की फांस बन गई है। सोशल मीडिया पर उनकी जमकर किरकिरी हो रही है। देखने वाली बात यह है कि क्या आला अधिकारी उन पर कार्रवाई करेंगे?
शासन द्वारा शादी के लिए लडक़ी की उम्र 18 और लडक़े की उम्र 21 होना अनिवार्य किया गया है। वहीं बाल विवाह पर शासन-प्रशासन ने नजरें टेढ़ी कर रखी है। इधर राजपुर तहसीलदार सुरेश रॉय ने 10 जून को 19 साल के लडक़े के परिजनों को उसकी शादी की अनुमति दे डाली।
ग्राम पंचायत मदनेश्वरपुर निवासी 19 वर्षीय युवक की शादी 19 जून को होनी थी। परिजनों ने तहसीलदार के समक्ष शादी की अनुमति के लिए पुत्र का आधार कार्ड, अंक सूची, पासपोर्ट साइज की फ़ोटो सहित सभी दस्तावेज प्रस्तुत किए। इसके बावजूद तहसीलदार ने नियम-कानून को ताक पर रखकर उसके विवाह की अनुमति दे दी।
युवक की 19 जून को सामाजिक रीति-रिवाज के साथ शादी भी हो गई। यही नहीं, तहसीलदार ने बलरामपुर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस थाना, पुलिस चौकी, खंड चिकित्सा अधिकारी को अनुमति की प्रतिलिपि भी भेजी।
बाल विवाह है दंडनीय अपराध
एक ओर प्रशासनिक अमले द्वारा बाल विवाह पर घूम-घूम कर रोक लगया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन के ही एक अधिकारी द्वारा बाल विवाह की अनुमति दी गई। सूत्रों के अनुसार तहसीलदार मुख्यालय छोड़ अधिकांश समय अपने निवास अंबिकापुर में ही रहना पसंद करते है, जबकि कार्यालय में कई मामले पेंडिंग पड़े हैं।
अब देखने वाली बात यह है कि इस मामले में तहसीलदार के विरुद्ध क्या कार्रवाई होगी। इधर जनप्रतिनिधियों ने तहसीलदार को तत्काल हटाने की मांग है।
जांच कर की जाएगी कार्रवाई
मामला प्रकाश में आया है, जांच कराई जा रही है। गलत पाए जाने पर तहसीलदार के ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आरएस लाल, एसडीएम, राजपुर।
जांच कर की जाएगी कार्रवाई
मामला प्रकाश में आया है, जांच कराई जा रही है। गलत पाए जाने पर तहसीलदार के ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आरएस लाल, एसडीएम, राजपुर।
स्वास्थ्य परीक्षण के लिए नहीं आया कोई दस्तावेज
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तहसील कार्यालय से किसी प्रकार का स्वास्थ्य परीक्षण के लिए कोई दस्तावेज नही आया है।
डॉ.रामप्रसाद तिर्की, बीएमओ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर