बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के पस्ता थाना प्रभारी संपत पोटाई ने बताया कि ग्राम पंचायत जिगड़ी के देवरीडांड़ निवासी 36 वर्षीय प्रदीप बड़ा पिता धर्मसाय बड़ा आरक्षक के पद पर बलंगी थाना में पदस्थ था। 13 जनवरी को छुट्टी लेकर अपने घर देवरीडांड़ आया हुआ था। उसी दिन अपने दोस्त मिथुन उरांव, पतरस उरांव व सिमोन उरांव के साथ जिगड़ी के उलिया बांध (Uliya dam) में पनडुब्बी चिडिय़ा मारने के लिए गया था।
बांध के भीतर आरक्षक प्रदीप बड़ा और पतरस उरांव दोनों पानी के बीच में चले गए। पानी का बहाव अधिक होने के कारण आरक्षक प्रदीप बड़ा (Constable Pradeep Bada) पानी में डूब गया। काफी खोजबीन करने के बाद कहीं पता नहीं चलने पर ग्रामीणों ने पस्ता थाना पहुंच थाना प्रभारी संपत पोटाई को जानकारी दी। मौके पर बलरामपुर, तातापानी व अंबिकापुर के करीब 20 गोताखोरों द्वारा मौके पर पहुंचकर उसकी तलाश शुरु की।
यह भी पढ़ें: सड़क हादसे में भाजपा के युवा नेता व चाचा की मौत, हाईकोर्ट जाते टैंकर से जा भिड़ी कार 4 दिन तक खोजते रहे आरक्षक की लाशगोताखोरों की टीम द्वारा 4 दिनों से पानी में आरक्षक की तलाश की जा रही थी। सोमवार को करीब 3 बजे बांध में 22 फीट नीचे पानी के भीतर आरक्षक की लाश की मिली। पुलिस ने आरक्षक की लाश को पानी से बाहर निकलवाकर पंचनामा पश्चात पोस्टमार्टम के लिए बलरामपुर भेजा।
देर शाम हो जाने के कारण पोस्टमार्टम नही हो पाया था। मौके पर थाना प्रभारी संपत पोटाई, सहायक उप निरीक्षक रमेश एक्का सहित पुलिसकर्मी उपस्थित थे। मंगलवार की सुबह पीएम पश्चात आरक्षक का शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया।