बिहार बैतली के मजदूर राहुल कुमार, शिवा, अभिषेक ने बताया कि हम महाराष्ट्र के जलगांव में विश्व भारती कंपनी में आटा सूजी फैक्ट्री में काम करते थे, जहां लॉकडाउन के पहले 40 मजदूर कार्य करते थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद 30 मजदूर वहां से चले गए थे जिसके बाद हम लोगों पर काम का काफी दबाव आ गया था।
झारखंड के मजदूरों ने भी सुनाई पीड़ा
झारखंड के गढ़वा जिला अंतर्गत ग्राम डंडई के मजदूर संतोष कुमार, जितेंद्र कुमार, बबलू कुमार सहित अन्य मजदूर तमिलनाडु के मदुरै जिला अंतर्गत ऊंचेपरमेल में ब्रिज बनाने में कार्य करते थे। इन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बाद मालिक द्वारा कार्य करने का दबाव बनाया जाता था तो वहीं वहां कार्य करने पर पुलिस डंडा मार रही थी।