गौरतलब है कि सोमवार से महतारी एक्सप्रेस 102 व संजीवनी 108 के कर्मचारी अपने विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इससे स्वास्थ्य के साथ ही आपातकालीन सेवा भी बुरी तरह प्रभावित हो गई है। दूरस्थ क्षेत्र के लोगों को संजीवनी व महतारी एक्सप्रेस की सुविधा नहीं मिल पा रही है।
सबसे ज्यादा परेशानी दुर्घटना का शिकार हुए लोगों व प्रसुताओं को हो रही है। ऐसे ही एक मामले में सामरी से करीब 9 किमी ग्राम डूमरखोली निवासी 24 वर्षीया सुनैना पति मनोज को प्रसव पीड़ा होने पर उसके परिजन ने 102 में कॉल किया तो कर्मचारियों के हड़ताल पर होने की जानकारी मिलने से उनके समक्ष संकट खड़ा हो गया।
इसकी जानकारी सामरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर एसके शुक्ला को मिली तो उन्होंने घर में प्रसव होने से जच्चा-बच्चा को संक्रमण सहित अन्य खतरे को देखते हुए खुद ही महतारी एक्सप्रेस गांव लेकर जाने का निर्णय लिया।
प्रसव कराने के बाद घर छोड़ा
डॉ. शुक्ला ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए महतारी एक्सप्रेस चलाते हुए डूमरखोली पंचायत के सुदूर पारा में पहुंचे। फिर यहां गांव की मितानिन सविता के साथ प्रसूता को लेकर अस्पताल लाए।
यहां सुरक्षित प्रसव कराने के बाद वापस महतारी एक्सप्रेस से जच्चा-बच्चा को घर छोड़ा। इस दौरान एक और ग्राम सरइडीह की प्रसूता को चिकित्सक ने सुरक्षित प्रसव के बाद घर तक छोड़ा। डॉक्टर के इस पहल की क्षेत्र में लोगों द्वारा सराहना की जा रही है।