Elephants hovoc: राजपुर वन परिक्षेत्र में 15 दिनों से उत्पात मचा रहा 10 हाथियों का दल, घर तोडक़र वहां रखा सारा अनाज खा गए हाथी
Elephants broken house
राजपुर. राजपुर वन परिक्षेत्र में प्रतापपुर की ओर से आया 10 हाथियों का दल 15 दिन से अलग-अलग गांव में विचरण कर जमकर उत्पात (Elephants hovoc) मचा रहा है। हाथियों के उत्पात से लगभग 8 गांव के ग्रामीण दहशत में हैं। अब तक हाथी कई एकड़ फसल व दर्जनों घरों को बर्बाद कर चुके हैं। कोरोना काल में किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
रविवार की रात तो हाथियों ने एक ग्रामीण का घर तोडक़र मवेशी की जान ले ली, साथ ही अंदर रखा सारा अनाज भी खा गए। घर के सामानों को भी नुकसान पहुंचाया। सुबह वन अमले ने मौके पर पहुंचकर मुआवजा प्रकरण तैयार किया।
गौरतलब है कि प्रतापपुर की ओर से 23 अगस्त को 10 हाथियों का दल राजपुर वन परिक्षेत्र में प्रवेश कर गया था। तब से यह दल वन परिक्षेत्र के अलग-अलग गांव में लगातार विचरण कर फसलों को नुकसान (Elephants hovoc) पहुंचा रहा है। हाथियों का दल हर दिन मूवमेंट कर रहा है, इससे ग्रामीणों के दिन असमंजस व दहशत के बीच कट रहे हैं।
हाथी कब, कहां पहुंच जाएंगे, इसकी कुछ सही जानकारी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रही है। 15 दिनों में हाथियों का दल गोपालपुर, करवां, बासेेन, अलखडीहा, माकड़, कौडू़, सेवारी, पेंडारी में उत्पात मचाते हुए 10 हेक्टेयर फसल व दर्जनों घरों को बर्बाद कर चुका है। कोरोना काल में किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
अभी भी हाथियों का दल इसी क्षेत्र में विचरण कर रहा है, इससे ग्रामीण काफी दहशत में हैं। रविवार की रात तो हाथियों ने ग्राम पेंडारी के विशनाथ कोरवा के घर को तोड़ कर एक बैल को मार डाला। साथ ही सारा अनाज भी खा गए, बर्तन सहित अन्य सामानों को नुकसान पहुंचाया।
इस दौरान परिवार वालों ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई। सुबह इसकी सूचना मिलने पर वन अमले ने गांव में पहुंचकर नुकसान का जायजा लेने के बाद मुआवजा प्रकरण तैयार किया। ग्रामीणों के सामने विकट समस्या कोरोना काल में आधा दर्जन से अधिक गांव के लोगों को हाथियों के उत्पात से विकट समस्या का सामना करना पड़ रहा है। फसल, घर, मवेशी का नुकसान तो हो ही रहा है, अब जान भी खतरे में हैं, क्योंकि हाथियों का दल लगातार मूवमेंट कर रहा है। अभी भी हाथियों का दल सेवारी बीट में डटा हुआ है। (Elephants hovoc)
प्रभावित गांव के लोगों की रात स्कूल या फिर पंचायत भवन में कट रही है। दहशत के साए में उन्होंने पंचायत भवन व स्कूल में शरण ले ली है। इधर वन अमला हाथियों के मूवमेंट पर नजर बनाए हुए है। राहत की बात बस इतनी है कि १५ दिन में अभी तक एक भी जन हानि नहीं हुई है, लेकिन खतरा काफी बना हुआ है।