पुलिस का कहना था कि पुलिस वाहन से कूदने के बाद विपरीत दिशा से आ रहे वाहन की चपेट में आने से आरोपी की मौत हो गई थी। गुरुवार को इस मामले का बलरामपुर पुलिस ने खुलासा किया और बताया कि शेष आरोपियों की तलाश जारी है। नाबालिग के पिता ने ही अपनी बेटी व उसके प्रेमी की हत्या करने 4 लाख रुपए की सुपारी दी थी।
एएसपी पंकज शुक्ला ने गुरुवार को रामानुजगंज थाने में पत्रवार्ता कर पूरे मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि झारखंड के सगुफ्ता परवीन व भोला साव हत्याकांड के मामले में अजिमुल्ला अंसारी उर्फ अजमेर उर्फ रेहान, शगीर असंारी, जलाल अंसारी, जिन्नत हुसैन व नजमा खातून को गिरफ्तार किया गया है।
एएसपी ने बताया कि इस मामले में पकड़े गए एक आरोपी इकबाल अंसारी की पुलिस वाहन से कूदकर फरार होने के फेर में विपरीत दिशा से आ रही वाहन के चपेट में आने से मौत हो गई। मामले में मृतिका के पिता व अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। एएसपी ने बताया कि 14 जुलाई 2018 को पस्ता थाना अंतर्गत ग्राम कंडा के जंगल में एक अज्ञात लड़की का शव मिला था। लड़की की गोली मारकर अज्ञात आरोपियों द्वारा हत्या कर दी गई थी।
पुलिस टीम ने 10 दिन बाद किशोरी की पहचान झारखण्ड के पलामू जिला के छतरपुर थाना अंतर्गत ग्राम अमवा निवासी अकबर हुसैन की बेटी सगुफ्ता परवीन उर्फ सोनम के रूप में हुई थी। फिर इस मामले की जांच आगे बढ़ी तो पुलिस को पता चला कि मृतिका की गुमशुदगी के मामले में झारखंड के छतरपुर थाने में अपहरण व धमकी का मामला भोला कुमार साव व धर्मेंद्र कुमार के खिलाफ दर्ज है।
इस पर बलरामपुर पुलिस की टीम भोला साव को ही किशोरी की हत्या का आरोपी मानकर उसकी तलाश कर रही थी। लेकिन इस मामले में उस वक्त मोड़ आ गया जब भोला साव का शव लातेहार जिला के बारेसाड़ थाना अतंर्गत सुगा बांध जलप्रपात के पास १३ जुलाई को मिलने की जानकारी मिली। तब उलझी पुलिस ने नए सिरे से जांच की तो पता चला कि उक्त हत्याकांड ऑनर किलिंग से संबंधित है।
अजिमुल्ला के घर 15 दिन रहे थे दोनों
हत्या को अंजाम देने के लिए अजिमुल्ला, शगीर अंसारी, इकबाल अहमद् द्वारा जलाल अंसारी व जिन्नत हुसैन को भी शामिल किया गया। इधर भागने के लगभग महीने भर पश्चात सगुफ्ता व भोला साव वापस अकबर अंसारी के घर आश्रय मांगने आए थे। भोला साव व अजिमुल्ला अंसारी की दोस्ती थी, इस कारण भोला साव व सगुफ्ता उसके घर में लगभग 15 दिन आश्रय लिए हुए थे। लेकिन उन्हें इस बात की जरा भी भनक ही नहीं थी कि अजिमुल्ला ने ही उनकी हत्या करने की सुपारी ली है।
कुछ रुपए का इंतजाम होने के बाद जब भोला साव किशोरी को लेकर घर से निकल गया तब जलाल अंसारी, जिन्नत हुसैन व अजिमुल्ला ने पीछा कर उन्हें रमकंडा के जंगल में पकड़ लिया। फिर हत्या को अंजाम देने के लिए शगीर व इकबाल अंसारी को बुलाया गया।
शगीर द्वारा कैश गुरुजी से मदद मांग कर उसकी स्कॉर्पियो मांगकर चालक पहलवान को इस षडयंत्र में शामिल किया गया। फिर भोला साव को रात होने पर रमकंडा जंगल से स्कॉर्पियो में बंदूक की नोक पर बैठा कर थाना बारेसाड़ के सुगा बांध जलप्रपात के पास ले जाया गया। यहां गोली मारने के बाद गला रेंतकर उसकी हत्या कर दी गई। फिर इधर सगुफ्ता की सेमरसोत जंगल में ग्राम कंडा के समीप लाकर हत्या कर दी गई।
4 लाख रुपए की दी थी सुपारी
विवेचना के दौरान बलरामपुर पुलिस को पता चला कि अजिमुल्ला उर्फ रेहान उर्फ अजमेर सुपारी किलिंग का काम करता है था पूर्व में भी हत्या के मामले में जेल जा चुका है, वह किशोरी के पिता अकबर के संपर्क में आया था। इस पर पुलिस टीम ने लगातार प्रयास कर डाल्टनगंज, छतरपुर व दिल्ली में कई जगहों पर दबिश देकर कुख्यात शूटर अजिमुल्ला व मामले की सुपारी लेने में मदद करने वाली उसकी बहन नजमा खातून को हिरासत में ले लिया।
दोनों ने पूछताछ में बताया कि अकबर हुसैन ने ही अपनी बेटी व भोला साव की हत्या की सुपारी यह कहकर दी थी कि दोनों ने उसके मान-सम्मान को ठेस पहुंचाया है। अकबर अंसारी ने बेटी व उसके प्रेमी की हत्या की सुपारी अजिमुल्ला अंसारी, शगीर अंसारी व इकबाल अहमद् को दी थी।
चूंकि शगीर अंसारी पूर्व में हत्या के आरोप में मुंबई के जेल जा चुका है तथा अपने आप को दाउद गैंग का सदस्य बताता है इसलिए अकबर अंसारी द्वारा उक्त शूटरों के साथ मिलकर 4 लाख रुपए में दोनों की हत्या कराने का षडयंत्र रचा गया था।
हत्या की गुत्थी सुलझाने में ये रहे शामिल
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. पंकज शुक्ला ने बताया कि इस अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में निरीक्षक सैफुल्ला सिद्दीकी, थाना प्रभारी पस्ता धीरेन्द्र बंजारे एवं टीम, थाना प्रभारी रामानुजगंज, चौकी प्रभारी बरियों, थाना प्रभारी बलरामपुर व साइबर सेल की अहम भूमिका रही। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी अविलंब की जाएगी।