scriptदस्तावेजों में छेड़छाड़ कर अपने नाम करा ली 1300 एकड़ शासकीय भूमि, भृत्य सहित 5 आरोपी गिरफ्तार | Government land: Tampering in documents and 1300 acres of land named | Patrika News

दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर अपने नाम करा ली 1300 एकड़ शासकीय भूमि, भृत्य सहित 5 आरोपी गिरफ्तार

locationबलरामपुरPublished: Oct 08, 2020 10:52:55 pm

Government land: फर्जीवाड़े में अभिलेखागार का सहायक ग्रेड-3 भी शामिल, पुलिस को अभी और 6 आरोपियों की तलाश जारी

दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर अपने नाम करा ली 1300 एकड़ शासकीय भूमि, भृत्य सहित 5 आरोपी गिरफ्तार

Accused arrested

रामानुजगंज. बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के विजयनगर चौकी अंतर्गत ग्राम महावीरगंज में करीब 1300 एकड़ शासकीय भूमि (Government land) को शासकीय कर्मचारियों से मिलीभगत कर दस्तावेजों में छेड़छाड़ एवं काट-छांट कर गांव के 9 लोगों द्वारा अपने-अपने नाम पर दर्ज करा लिया गया था।
इस मामले में प्रशिक्षु डिप्टी कलक्टर (Deputy collector) एवं प्रभारी तहसीलदार विवेक चंद्रा की रिपोर्ट पर विजयनगर चौकी में 9 ग्रामीणों, तहसील के भृत्य एवं अभिलेखागार में पदस्थ सहायक ग्रेड 3 के विरुद्ध धारा 420, 467, 468, 471 एवं 120 बी के तहत अपराध दर्ज किया गया। वहीं इस मामले में भृत्य सहित 5 आरोपियों की गिरफ्तारी भी कर ली गई है। शेष 6 आरोपियों की तलाश जारी है।

रामानुजगंज थाने में गुरुवार को आयोजित पत्रकारवार्ता में एसडीओपी (SDOP) नितेश गौतम एवं थाना प्रभारी सुरेंद्र उइके ने बताया कि प्रशिक्षु डिप्टी कलक्टर एवं प्रभारी तहसीलदार की रिपोर्ट पर आईजी एवं एसपी के मार्गदर्शन में विवेचना की गई।
इसमें ग्राम महावीरगंज के निवासी मोइनुद्दीन पिता रहीम रकबा 90.70 एकड़, जान मोहम्मद पिता कलम मियां रकबा 94.40 एकड़, खिलावन पिता चुवा रकबा 98.04, मंगरी पति मोहम्मद अली रकबा 94.10 एकड़, रसूलअन पति मोहम्मद हुसैन रकबा 98.30 एकड़, गुलाम नबी पिता जसीमुद्दीन रकबा 90.70 एकड़,
यार मोहम्मद पिता कादिर रकबा 94.20 एकड़, सागर रकबा 94.20 एकड़ व इसहाक पिता नानु मियां रकबा 94.93 एकड़ को ग्राम महावीरगंज में स्थित भूमि का पट्टा नहीं होते हुए भी फर्जी तरीके से तहसील कार्यालय में पदस्थ भृत्य मनोहर प्रताप सिंह से साठगांठ कर पुनरीक्षण प्रकरण तैयार किया, फिर उक्त 1300 एकड़ शासकीय भूमि को अपने नाम दर्ज करा लिया था।

अभिलेखागार का क्लर्क भी शामिल
अभिलेखागार में पदस्थ उमा शंकर पांडे सहायक ग्रेड-3 के साथ मिलकर कूट रचित तरीके से जिला अभिलेखागार में उपलब्ध अधिकार अभिलेख वर्ष 1954-55 में काट-छांट कर अपना नाम दर्ज कर लिया गया था। सक्षम अधिकारी द्वारा उक्त अभिलेखों को कूट रचित पाए जाने पर तत्काल निरस्त (Suspend) कर दिया गया था।
प्रस्तुत प्रकरण एक फर्जी पुनरीक्षण प्रकरण है जो कि न्यायालय रामानुजगंज के राजस्व मामलों में दर्ज नहीं हुआ है। जांच अधिकारी डिप्टी कलक्टर ने रिपोर्ट का अवलोकन करने के उपरांत पाया कि उक्त व्यक्तियों द्वारा फर्जी तरीके से मनोहर प्रताप सिंह तथा उमाशंकर पांडेय सहायक ग्रेड 3 के साथ साठगांठ कर फर्जी प्रकरण तैयार कराया गया था।
तब इस मामले में जांच अधिकारी द्वारा रिपोर्ट के निष्कर्षों पर मनोहर प्रताप एवं उमा शंकर पांडे द्वारा आपराधिक कृत्य किया जाना पाए जाने पर दोनों पर दंडात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की गई।


इन आरोपियों की हुई गिरफ्तारी
प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी तहसीलदार के आवेदन पर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जांच टीम गठित हुई, इसमें थाना प्रभारी सुरेंद्र उइके, चौकी प्रभारी विजयनगर विनोद पासवान द्वारा मामले की विवेचना की गई। इसमें 2 शासकीय कर्मचारी व 9 लोगों को दोषी पाया गया,
जिनके विरुद्ध धारा 420, 467, 468, 471 एवं 120बी के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। वहीं इस मामले में पुलिस ने आरोपी भृत्य मनोहर प्रताप सिंह पिता रामसिंह तथा मोइनुद्दीन पिता रहीम, खिलावन यादव पिता चुवा यादव, गुलाब नबी पिता जसीमुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य 6 आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
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