परिजनों के अनुसार टाटीझरिया निवासी 47 वर्षीय सुरेंद्र यादव सोमवार की सुबह अपने घर से राशन लेने गांव के सोसायटी जाने के लिए निकला था। यहां राशन कार्ड जमा करने के बाद वह खाते से पैसा निकालने गांव के मुन्नू के ऑटो में सवार हो गया।
उक्त ऑटो को गांव का जसनु बिरिजिया किराए में लेकर अपने घर आए मेहमानों को झारखंड के ग्राम चिरो पहुंचाने जा रहा था। उसके साथ ऑटो में गांव का बबला यादव पहले से सवार था।
परिजन का कहना है कि चालक मुन्नू, जसनु बिरिजया व बबला यादव द्वारा झूठी कहानी बनाकर बताया गया कि वे लोग सुरेंद्र यादव को पैसा निकालने के लिए सामरी में छोड़ कर ग्राम चिरो चले गए थे और जब वे ग्राम चिरो से वापस वापस लौट रहे थे तो उन्होंने देखा कि ग्राम गोपातु के होटल से कुछ दूरी पर सुरेंद्र यादव घायल अवस्था में पड़ा हुआ है।
जिसे पहले लेकर वे सामरी अस्पताल पहुंचे, यहां से उन्हें कुसमी अस्पताल भेज दिया गया, इस पर वे सुरेंद्र को लेकर कुसमी अस्पताल पहुंचे, फिर यहां से उसे अंबिकापुर रेफर कर दिया गया। तब उसके परिजन घायल को लेकर मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर पहुंचे थे, यहां उसकी मौत हो गई।
इस पूरे मामले में परिजन सहित पूर्व सरपंच राकेश सिंह, उपसरपंच महेंद्र यादव व ग्रामीणों को ऑटो चालक व उसमें सवार दो युवकों पर शक होने पर बुधवार को मृतक के अंतिम संस्कार से पहले सामरी पुलिस को बुलाया गया।
कड़ाई से पूछताछ में बताई सच्चाई
पुलिस ने जब तीनों से कड़ाई से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि सुरेंद्र भी ग्राम चिरो तक गया था, यहां से शराब का सेवन (Liquor drinking) कर तीनों लौट रहे थे। नशे में होने के कारण ग्राम अमटाही में सुरेंद्र चलती ऑटो से गिरकर जख्मी हो गया था।
निष्पक्ष जांच की मांग
वहीं परिजन का आरोप है कि संदेहियों (Suspected) द्वारा मृतक के साथ मारपीट की गई है। उन्होंने सामरी पुलिस से निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग की है।