इससे उसकी हालत बिगड़ती चली गई। दूसरे दिन एंबुलेंस नहीं मिलने पर भी झाडफ़ूंक जारी रखा गया। जब उसे निजी वाहन से अस्पताल ले जाया गया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मामले में कुसमी पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।
सांप डसने के बाद अस्पताल ले जाने की बजाय बाबा से झाडफ़ूंक कराना एक युवक व उसके परिजन को काफी महंगा पड़ गया। मामला बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के सामरी थाना क्षेत्र के जमीरा पंचायत अंतर्गत ग्राम बोदीटोला का है।
30 वर्षीय सुरेश नगेशिया पिता मतरु नगेशिया मंगलवार की रात को गांव में अपने रिश्तेदारों के यहां घूमने गया था। वहां से रात करीब 10 बजे पैदल वापस घर लौट रहा था। इसी दौरान रास्ते मे उसके दाहिने पैर की छोटी अंगुली में जहरीले सांप करैत ने डस लिया।
उसने देखा कि सांप उसे डस कर भाग रहा है तो वह भागते हुए घर पहुंच गया। इसकी जानकारी उसने अपनी पत्नी गांगी बाई को दी। इसके बाद उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराने की बजाय गांव मे ही पूरी रात बैगा से झाडफ़ूंक कराते रहे।
नहीं मिली संजीवनी, अस्पताल ले जाने में हो गई देर
झाडफ़ूंक के बाद भी सुबह तक जब उसे राहत नही मिली तो परिजन ने संजीवनी 108 को कॉल किया लेकिन खराब होने से इसकी सुविधा नही मिल सकी। इसके बाद भी परिजन उसका झाडफ़ूंक कराते रहे।
बुधवार की शाम 4 बजे तक जब उसकी हालत सुधरने की बजाय और खराब होने लगी तो ग्राम डूमरपाठ निवासी गुडुवा की बुलेरो से उसे कुसमी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उपचार के दौरान शाम करीब 7 बजे उसकी मौत हो गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और पंचनामा व पीएम पश्चात गुरुवार को शव उसके परिजन को सौंप दिया।