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मनरेगा पीओ ने फर्जीवाड़ा कर किया था 20 लाख 89 हजार रुपए का गबन, 18 महीने बाद सीईओ ने दर्ज कराई एफआईआर

locationबलरामपुरPublished: Nov 08, 2020 06:48:44 pm

MGNREGA scam: जिला पंचायत सीईओ के निर्देश पर जनपद सीईओ (Block CEO) ने थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट, अन्य मनरेगा पीओ ने भी किया है भ्रष्टाचार (Corruption), उनपर कब होगी कार्रवाई

मनरेगा पीओ ने फर्जीवाड़ा कर किया था 20 लाख 89 हजार रुपए का गबन, 18 महीने बाद सीईओ ने दर्ज कराई एफआईआर

Ramchandrapur block office

रामानुजगंज. जनपद पंचायत रामचंद्रपुर में पदस्थ महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) के कार्यक्रम अधिकारी जयपाल एक्का द्वारा शासकीय पद का दुरूपयोग करते हुए मस्टर रोल एवं फर्जी बिल (Fake bill) के माध्यम से 20 लाख 89 हजार 538 रुपए का आहरण किया गया था।
मामले में जिला पंचायत सीईओ (Jila Panchayat CEO) के निर्देश व जनपद सीईओ विनय गुप्ता के आवेदन पर त्रिकुंडा थाने में जयपाल एक्का के विरुद्ध धारा 420, 468, 468, 471 के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है।

जनपद पंचायत रामचंद्रपुर में पदस्थ रहे मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी (Programme officer) जयपाल एक्का द्वारा वर्ष 2017-18 में बिना स्वीकृति के ग्राम पंचायत मरमा में मिटटी मुरूम सह पुलिया निर्माण, ग्राम पंचायत कृष्ण नगर धमनी में मिटटी मुरूम सह पुलिया, बनखेता पारा में मिटटी मुरूम सडक़ सह पुलिया निर्माण के नाम पर कुल 20 लाख 89 हजार 538 रुपए की वित्तीय अनियमितता की गई थी।
जिला पंचायत सीईओ हरीश एस. ने 18 माह पूर्व मनरेगा पीओ द्वारा किए गए भ्रष्टाचार (Corruption) के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश तत्कालीन जनपद सीईओ को दिए थे, परंतु प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पाई थी। इस बीच वर्तमान जनपद सीईओ विनय गुप्ता की सक्रियता से त्रिकुंडा थाने में अपराध दर्ज किया गया।

फर्जी वर्क कोड बनाकर राशि का गबन
मनरेगा पीओ जयपाल एक्का द्वारा शातिर तरीके से फर्जी वर्क कोड बनाकर फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया गया। यदि सूक्ष्मता से जांच हो तो अन्य कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।

कार्यकाल के दौरान ओडीएफ फर्जीवाड़ा
रामचंद्रपुर विकासखंड के अधिकांश ग्राम पंचायत फर्जी रूप से ओडीएफ घोषित हुए हैं। रामचंद्रपुर विकासखंड में ओडीएफ फर्जीवाड़ा का खेल चल रहा था उस समय मनरेगा पीओ जयपाल एक्का ही पदस्थ थे। वहीं इनके कार्यकाल के दौरान कई मनरेगा में घोटाले सामने आए थे।

वेंडर के नाम से राशि की बंदरबांट
शौचालय निर्माण में मैटेरियल भुगतान के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। कई फर्जी वेंडरों के नाम राशि डाली गई, फिर उस राशि को निकालकर बंदरबांट किया गया। यदि इसकी जांच होगी तो कई पंचायत प्रतिनिधियों पर कार्यवाही सुनिश्चित है।

अन्य भ्रष्टाचारियों पर कब होगी कार्रवाई
ऐसा नहीं है कि सिर्फ रामचंद्रपुर विकासखंड के तत्कालीन मनरेगा पीओ जयपाल एक्का द्वारा फर्जीवाड़ा किया गया था। जिले में पदस्थ अन्य विकासखंडों के मनरेगा पीओ (MGNREGA PO) ने इसी प्रकार के फर्जीवाड़े को अंजाम दिया था। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अन्य भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कार्यवाही कब होगी।
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