जनपद पंचायत रामचंद्रपुर में पदस्थ रहे मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी (Programme officer) जयपाल एक्का द्वारा वर्ष 2017-18 में बिना स्वीकृति के ग्राम पंचायत मरमा में मिटटी मुरूम सह पुलिया निर्माण, ग्राम पंचायत कृष्ण नगर धमनी में मिटटी मुरूम सह पुलिया, बनखेता पारा में मिटटी मुरूम सडक़ सह पुलिया निर्माण के नाम पर कुल 20 लाख 89 हजार 538 रुपए की वित्तीय अनियमितता की गई थी।
फर्जी वर्क कोड बनाकर राशि का गबन
मनरेगा पीओ जयपाल एक्का द्वारा शातिर तरीके से फर्जी वर्क कोड बनाकर फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया गया। यदि सूक्ष्मता से जांच हो तो अन्य कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
कार्यकाल के दौरान ओडीएफ फर्जीवाड़ा
रामचंद्रपुर विकासखंड के अधिकांश ग्राम पंचायत फर्जी रूप से ओडीएफ घोषित हुए हैं। रामचंद्रपुर विकासखंड में ओडीएफ फर्जीवाड़ा का खेल चल रहा था उस समय मनरेगा पीओ जयपाल एक्का ही पदस्थ थे। वहीं इनके कार्यकाल के दौरान कई मनरेगा में घोटाले सामने आए थे।
वेंडर के नाम से राशि की बंदरबांट
शौचालय निर्माण में मैटेरियल भुगतान के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। कई फर्जी वेंडरों के नाम राशि डाली गई, फिर उस राशि को निकालकर बंदरबांट किया गया। यदि इसकी जांच होगी तो कई पंचायत प्रतिनिधियों पर कार्यवाही सुनिश्चित है।
अन्य भ्रष्टाचारियों पर कब होगी कार्रवाई
ऐसा नहीं है कि सिर्फ रामचंद्रपुर विकासखंड के तत्कालीन मनरेगा पीओ जयपाल एक्का द्वारा फर्जीवाड़ा किया गया था। जिले में पदस्थ अन्य विकासखंडों के मनरेगा पीओ (MGNREGA PO) ने इसी प्रकार के फर्जीवाड़े को अंजाम दिया था। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अन्य भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कार्यवाही कब होगी।