19 अक्टूबर 2010 को बलरामपुर गडग़ोड़ी का रामसेवक पिता सुमेड़ी उम्र 55 वर्ष गांव के ही मुखदेव के यहां मृत्यु भोज (Death banquet) कार्यक्रम में दोपहर में गया था। यहां से देर रात जब वह नहीं लौटा तो रामसेवक के घर वालों ने त्रिकुंडा थाने में दूसरे दिन सूचना दी परंतु आज तक रामसेवक का कोई अता-पता नहीं चल पाया है।
मामले का हो खुलासा
रंग लाल सिंह ने बताया कि पूरा गांव चाहता है कि रामसेवक के साथ क्या हुआ इसका खुलासा हो। ऐसा कैसे हो सकता है कि कोई व्यक्ति गांव से अचानक गायब (Suddenly missing) हो जाए और इतने दिन तक घर न लौटे।
फिर से की जाएगी जांच
इस संबंध में थाना प्रभारी रजनीश सिंह ने कहा कि 2010 में रिपोर्ट थाने में दर्ज की गई थी, जिसकी जांच सात आठ वर्ष तक चली। यदि ग्रामीण पुन: आवेदन दिए हैं तो वे जो तथ्य बता रहे हैं, उस पर जांच की जाएगी।