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ममता हुई शर्मसार : नवजात बेटे को मां ने जंगल में फेंका, रोता रहा लेकिन नहीं आई तरस

locationबलरामपुरPublished: Jul 12, 2018 03:33:11 pm

बेटे के साथ लकड़ी लेने जंगल की ओर गए ग्रामीण ने आवाज सुनकर गोद में उठाया, पुलिस की मदद से अस्पताल में कराया गया भर्ती

Newborn

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कुसमी. कहते हैं कि मां अपने बच्चे के लिए कुछ भी कर गुजरती है। वह अपने बच्चों के आंख में आंसू नहीं देख पाती, लेकिन कुछ माएं ऐसी भी होती हैं जिनकी ममता मर चुकी होती है या विवशता में शर्मनाक कदम उठाती हैं। ऐसा ही एक मामला बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के सामरी क्षेत्र के ग्राम जमीरापाट से आया है। यहां एक मां ने ममता को शर्मसार कर दिया।
उसने अपने नवजात बेटे को जंगल में फेंक दिया। इस दौरान बेटा रोता रहा लेकिन मां को उसपर तरस नहीं आई और उसे छोड़कर चली गई। गनीमत रही कि अपने बेटे के साथ जंगल में लकड़ी लेने पहुंचे ग्रामीण की नजर बच्चे के रोने की आवाज सुनकर पड़ गई।
उसने इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी। पुलिस ने जमीरापाट पहुंचकर नवजात शिशु को बरामद किया तथा कुसमी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां उसका स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया। बच्चे के स्वस्थ होने पर पुलिस ने उसे बलरामपुर के बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया।

बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के सामरी थाना क्षेत्र स्थित ग्राम जमीरापाठ के चुरिल कोना जंगल में एक मां ने अपने नवजात बेटे को बिलखता छोड़ दिया। मां जब उसे छोड़कर जा रही थी तो बच्चा रोए जा रहा था लेकिन उसकी ममता मर चुकी थी।
उसे थोड़ा भी अपने बेटे पर तरस नहीं आया। बुधवार की सुबह जमीरापाठ पंचायत के डूमरपाठ निवासी 45 वर्षीय महेंद्र अगरिया व उसका 15 वर्षीय पुत्र शिवा बेलगंगा नदी के उदगम स्थल के समीप के चुरिल कोना जंगल में जलावन लकड़ी लेने गए थे। इसी दौरान उन्होंने एक बच्चे के रोने की आवाज सुनीं।
जब दोनों ने वहां जाकर देखा तो जमीन में एक नवजात बालक निर्वस्त्र हालत में पड़ा हुआ है। उन्होंने आस-पास उसके माता-पिता को ढूंढने के लिए आवाज भी लगाई लेकिन कोई भी सामने नहीं आया।

बाल कल्याण समिति के किया सुपुर्द
नवजात के जंगल में मिलने की जानकारी महेंद्र अगरिया ने गांव की मितानिन ममता गुप्ता को दी। मितानिन के पति जनस्वास्थ्य रक्षक सूरजदेव गुप्ता ने इसकी जानकारी मोबाइल पर सामरी थाने में दी। सूचना मिलते ही एएसआई अर्जुन यादव सहित अन्य पुलिस कर्मी मौके पर पहुंच गए और मितानिन के साथ शिशु को लेकर कुसमी अस्पताल पहुंचे।
यहां पर बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। फिलहाल पुलिस ने बच्चे को बाल कल्याण समिति बलरामपुर की टीम के सुपुर्द कर दिया है। पुलिस नवजात के मां की खोजबीन में जुट गई है।

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