बैठक में जहां किसानों के खेतों की परिपक्व इमारती लकड़ी काटने की प्रक्रिया को सरल करने का निर्णय लिया गया। वहीं भूमि अधिकार पत्र आदिवासी (Tribal) के साथ ही एसटी, एससी, ओबीसी और सामान्य वर्ग को भी देने का निर्णय लिया गया।
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विधायक ने बैठक में पंडो, अगरिया व नगेशिया जाति के लोगों को आदिवासी का प्रमाण-पत्र दिलाए जाने की मांग के साथ ही अन्य जाति के लोगों को ओबीसी का प्रमाण पत्र दिए जाने की मांग की। विधायक की मांग पर मुख्यमंत्री ने गंभीरता से विचार किए जाने की बात कही।
विधायक ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य है जो प्रदेश की जनता के हित में इस प्रकार से फैसले ले रही है। बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए विधायक बृहस्पति सिंह ने बताया कि किसानों के खेतों में पहले इमारती पेड़ जो परिपक्व हो चुके हैं उन्हें काटने के लिए कलक्टर से अनुमति लिए जाने की आवश्यकता पड़ती थी,
जिसका सरलीकरण करते हुए अब इसकी अनुमति एसडीएम भी दे सकेंगे, जिन्हें 60 दिन के अंदर अनुमति देना निर्धारित किया गया है। सिंह ने बताया कि परिपक्व इमारती पेड़ का परीक्षण वन विभाग की टीम एवं राजस्व विभाग की टीम करेगी, जिसे काटने के बाद वन विभाग के डिपो में ले जाया जाएगा, जहां ओपन नीलामी होगी। नीलामी के बाद पैसा सीधा किसान के खाते में डाल दिया जाएगा।
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सभी वर्ग को मिलेगा भू-अधिकार पत्रबैठक में निर्णय लिया गया कि पहले जहां आदिवासियों को 2005 तक के कब्जे के आधार पर भूमि अधिकार पत्र दिया जाता है अब एसटी, एससी, ओबीसी और सामान्य वर्ग के भी लोग जो 2005 के पूर्व से काबिज है, उन्हें भी इसका लाभ दिया जाएगा।
सिंह ने बताया कि नगर पंचायत क्षेत्र, नगर पालिका क्षेत्र में भी अब व्यक्तिगत अधिकार पत्र दिए जाएंगे। इससे इसका लाभ उन लोगों को भी मिल सकेगा, जो वर्षों से काबिज हंै एवं घर बनाकर रह रहे हैं।
संभाग के छात्रों को मुफ्त कोचिंग की सुविधा
विधायक ने बताया कि जिस प्रकार से बस्तर के छात्रों को शासन की ओर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुफ्त कोचिंग की सुविधा दी जाती है। उसी प्रकार से सरगुजा संभाग के भी छात्रों को मुफ्त कोचिंग प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कराई जाएगी।