20 घंटे बीत जाने के बाद भी उसका पता नहीं चल सका है। वहीं इतने घंटे बीत जाने के बाद भी गोताखोर मौके पर नहीं पहुंचे हैं। इधर युवक के बह जाने की सूचना से उसके घर में मातम पसरा हुआ है।
बलरामपुर जिले के राजपुर थानातंर्गत ग्राम परसवारकला के बड़कापारा निवासी 20 वर्षीय तीरथ पिता आंनद, 50 वर्षीय आसन पिता सावन, 45 वर्षीय कलेक्टर पिता अदम व 25 वर्षीय छोटू बुधवार की सुबह करीब 8 बजे अपने घर से एसईसीएल महान-२ खदान में मजदूरी कार्य करने गए थे।
इस संबंध में ग्राम परसवारकला के सरपंच गोपाल प्रसाद ने बताया कि मजदूरी कर शाम को चारों घर चारों लौट रहे थे। गांव से होकर गुजरने वाली महान नदी को चारों पैदल पार करने लगे। इस दौरान 3 लोग तो पार हो गए लेकिन तीरथ पानी का अधिक बहाव होने के कारण बह गया।
इसकी जानकारी तीनों ने गांव में दी। सूचना मिलते ही गांव के लोग मौके पर पहुंच गए लेकिन युवक का कहीं पता नहीं चला। युवक के बह जाने से उसके घर में मातम पसरा हुआ है।
20 घंटे तक नहीं पहुंचे गोताखोर
युवक को महान नदी में बहे 20 घंटे से अधिक का समय गुजर चुका है लेकिन अब तक उसका पता नहीं चल सका है। वहीं उसे ढूंढने अब तक गोताखोर नहीं पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि शाम 5 बजे तक उनके पहुंचने की उम्मीद है।
बारिश में कई गांवों से टूट जाता है संपर्क, अब तक 4 की मौत
ग्राम परसवारकला महान नदी में पुल नही बनने के कारण बारिश में कई गांवों का सम्पर्क टूटजाता है। नदी में अधिक पानी होने के कारण अब तक ४ लोगों की जाने जा चुकी है।
बारिश में ग्रामीणों के साथ स्कूल आने जाने वाले छात्र-छात्राओं को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दो वर्ष पूर्व तात्कालीन कलक्टर अवनीश कुमार शरण के द्वारा बनारस से पुराना नाव मंगाकर दिया गया था लेकिन देखरेख के अभाव में वह जर्जर हो चुका है।
दो वर्षो से टूटा पड़ा है धंधापुर-लोधीडांड़ पुल
ग्राम धंधापुर-लोधीडांड़ का महान नदी दो वर्षों से टूटा हुआ पड़ा है। इसके बावजूद प्रशासन का ध्यान नहीं है। आज भी गांव के ग्रामीण व स्कूल के छात्र-छात्राओं को जान जोखिम में डालकर नाव के सहारे आना-जाना पड़ रहा है।
पुल टूट जाने से ग्राम परसवारकला, धंधापुर, लोधीडांड़, रेवतपुर, शिवपुर, कुंदी, बदौली, दुप्पी-चौरा, मरकाडांड़, मसगा, करसी, मकनपुर गांव के ग्रामीणों व विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।