Pando girl child death: एंबुलेंस (Ambulance) के जाम में फंसने के कारण अस्पताल (Hospital) पहुंचने में हो गई काफी देर, बालिका को सांस (Breathing) लेने में हो रही थी दिक्कत, भारी वाहनों के चलने से रास्ता भी हो चुका है जर्जर
Ambulance stuck between trucks
रामानुजगंज. बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के ग्राम गाजर निवासी पंडो जनजाति की 4 वर्षीय बालिका की गुरुवार को अस्पताल पहुंचते ही मौत हो गई थी। बालिका की मौत के बाद जो बात सामने आ रही है वह प्रशासनिक अव्यवस्था व लापरवाही तथा रेत तस्करों की पोल खोलने के लिए काफी है।
सनावल अस्पताल से रेफर किए जाने के बाद जिस एंबुलेंस से गंभीर हालत में बालिका को रामानुजगंज अस्पताल लाया जा रहा था, वह रास्ते में अवैध रेत से लदे 200 ट्रकों के बीच फंस गई थी। ऐसे में बालिका की हालत और खराब होती चली गई। जाम से निकलकर जब तक एंबुलेंस ने बालिका को अस्पताल पहुंचाया, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
गौरतलब है कि भारी वाहनों की दिनभर आवाजाही से उक्त मार्ग की हालत काफी जर्जर भी हो चुकी है। इसे लेकर पत्रिका ने 17 सितंबर के अपने अंक में खबर का प्रकाशन भी किया है।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों की मौत का सिलसिला जारी है। पिछले 1 महीने में पंडो जनजाति के 10 लोगों की मौत हो चुकी है। ताजा मामला गुरुवार को आया था। इसमें रामचंद्रपुर विकासखंड के ग्राम गाजर निवासी 4 वर्षीय बालिका बीना पिता धनेश्वर की मौत की घटना झकझोरने वाली है।
बालिका को पेट दर्द की शिकायत थी। इलाज के बाद भी सुधार नहीं हो रहा था। 15 सितंबर की शाम करीब 7 बजे 108 वाहन से बालिका को सनावल अस्पताल से रेफर किए जाने के बाद रामानुजगंज अस्पताल लाया जा रहा था। इसी बीच रास्ते में रेत से लदे करीब 200 ट्रकों की लाइन लगी थी।
इसमें एंबुलेंस फंस गई। इस संबंध में 108 वाहन में तैनात स्वास्थ्य कर्मी राजेश कुशवाहा ने बताया कि उक्त बालिका की स्थिति काफी गंभीर थी, उसे सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी,
लेकिन रास्ते में रेत से लदे सैकड़ों ट्रकों के बीच एंबुलेंस (Ambulance) के फंस जाने के कारण हॉस्पिटल तक पहुंचने में काफी देर हो गई। जब वे उसे हॉस्पिटल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने जांच पश्चात उसे मृत घोषित कर दिया।
रेत तस्करी को किसने दे रखी है सह बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत शिवपुर में ठीक सड़क किनारे खनिज विभाग के द्वारा रेत भंडारण का लीज दिया गया है। शासन प्रशासन की उदासीनता के कारण एनजीटी के नियमों को ताक पर रखते हुए ठेकेदार द्वारा सीधे नदी से खनन कर प्रतिदिन सैकड़ों ट्रकों से रेत तस्करी का कार्य किया जा रहा है।
इस कारण उक्त मार्ग से गुजरने वाली यात्री बसों समेत एंबुलेंस जैसे वाहनों को भी जगह नहीं दी जाती है। इसका ही नतीजा है कि पंडो जनजाति की मासूम बालिका की मौत हो गई। आखिर किसने रेत तस्करों को सह दे रखी है।
IMAGE CREDIT: Pando girl child deathकई खबरों के बाद भी प्रशासन बेखबर अवैध रूप से रेत तस्करी (Sand Smuggling) की खबरें कई बार प्रकाशित हुर्ईं। सोशल मीडिया क े माध्यम से भी इसे प्रसारित किया गया लेकिन जिला प्रशासन द्वारा तनिक भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। प्रशासन का मौन समर्थन ऐसे लोगों को और हौसला दे रहा है।
पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही होगा मौत का खुलासा इस संबंध में बलरामपुर मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बसंत सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत गाजर में एक 4 वर्षीय बालिका की 15 सितंबर से तबीयत खराब थी और 108 की मदद से उसे इलाज के लिए रामानुजगंज अस्पताल लाया जा रहा था। रास्ते में ही उसकी मौत हो गई थी। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण बताया जा सकता है।