गौरतलब हैं कि सामरी क्षेत्र के ग्राम सरइडीह निवासी 55 वर्षीय जंगलू यादव करीब 15 दिन पूर्व गांव से लगे घुटी नाले में नहाने गया था। उसी समय अचानक बारिश व ओले गिरने लगे थे जिससे बचकर वह किसी प्रकार से घर पहुंचा, उसी दिन से उनकी तबियत बिगड़ गई थी।
इसके बाद परिजन उनका उपचार करा रहे थे। इस बीच रविवार की रात उसकी मृत्यु हो गई। सोमवार की दोपहर मृतक के परिजन समेत आसपास के गांव के लोग शव का दाह-संस्कार करने राजेन्द्रपुर पंचायत के खिराकोना नदी किनारे पहुंचे थे। यहां दाह संस्कार की तैयारी पूरी हो गई थी।
इसी बीच अचानक मौसम बदला और बारिश व ओलावृष्टि शुरू हो गई। बड़े-बड़े ओले गिरने लगे, इससे लोगों के बीच अफरातफरी मच गई। खुले आसमान में ओले से बचना काफी मुश्किल हो गया था, लोग भाग कर पेड़ के नीचे गए, लेकिन वहां भी राहत नहीं मिली। इसके साथ ही वहां पहुंचे बुजुर्गों की भी हालत खराब होने लगी।
10 मिनट तक गिरे ओले, कई चोटिल
करीब दस मिनट तक गिरे ओले से लोगों की आफत में जान आ गई थी, यदि और कुछ देर तक यही हाल रहता तो स्थिति और भी गम्भीर हो जाती।
ओले से काफी लोग चोटिल हो गए, वहां उपस्थित करीब आधा दर्जन बुजुर्गों का हाल बेहाल हो गया जिन्हें अलाव जलाकर राहत दी गई। बारिश होने के कारण सोमवार को शव ठीक ढंग से नहीं जल पाया, जिसे मंगलवार को जाकर फिर से जलाना पड़ा।