राजेंद्र माझी ने बताया कि मेरे पिता भी बागवानी घर में लगाए थे, जिनसे मुझे प्रेरणा मिली एवं मैंने आज डेढ़ सौ से अधिक प्रकार के औषधीय पौधे व फल-फूल लगाए हैं। माझी ने बताया कि दो दशक के मेहनत के बाद मेरी ऐसी बागवानी तैयार हो पाई है। प्रतिदिन दो से 3 घंटे सुबह बागवानी में देता हूं।
एक ही आम पेड़ में 5 वैरायटी
राजेंद्र माझी के बागवानी में कई प्रकार की व्यवस्थाएं हैं जहां 9 प्रकार के गुड़हल हैं। वही एक ही आम के पेड़ में 5 वैरायटी के आम के फल (Fruits) होते हैं। वही सेवंती गुलाब नींबू की भी कई प्रजातियां हंै।
मिल चुका है उन्नत कृषक पुरस्कार
वर्ष 2018 में राजेंद्र माझी को रायपुर में जिला स्तरीय उन्नत कृषक पुरस्कार कृषि धान उत्पादकता के लिए मिला था। इसमें 25000 की नकद राशि एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया गया था। इन्हें कई बार विभिन्न विभागों द्वारा प्रमाण पत्र मिला है।
जहां जाते हैं, पौधे लेकर आते हैं
राजेंद्र माझी बताते हैं कि मैं जहां भी जाता हूं, कुछ लाऊं चाहे न लाऊं पौधे जरूर खोज कर ले आता हूं। अभी तक मैं रायपुर, धमतरी, अंबिकापुर व कोलकाता से कई प्रकार के पौधे लाकर लगा चुका हूं।
कई दुर्लभ प्रकार के भी औषधीय पौधे
राजेंद्र माझी के बागवानी में औषधीय पौधे (Mediclinical plants) चलता, अनंमूल, फिलेमवाइन, हडज़ोड़वा, मधुगामिनी, गंधराज, झरबेरा पिपली, चुईझाल, अडूसा, अपराजिता, ब्रह्मकस पाषाणभेद, हेलिफोर्निया, सिंदूरी सहित डेढ़ सौ प्रकार से अधिक के औषधीय पौधे व फल-फूल लगे हुए हैं।