scriptराजेंद्र मांझी की मेहनत लाई रंग: 50 डिसमिल में तैयार किए 150 प्रकार के औषधीय व फल-फूल के पौधे | Rajendra Manjhi's planting 150 types of medicinal and flowering plant | Patrika News

राजेंद्र मांझी की मेहनत लाई रंग: 50 डिसमिल में तैयार किए 150 प्रकार के औषधीय व फल-फूल के पौधे

locationबलरामपुरPublished: Dec 01, 2020 11:27:35 pm

Gardening: रामचंद्रपुर ब्लॉक के ग्राम सुभाषनगर के राजेंद्र माझी को बागवानी (Gardening) का है जुनून, कई दुर्लभ प्रजाति के फूल (Flower) भी लगाए

राजेंद्र मांझी की मेहनत लाई रंग: 50 डिसमिल में तैयार किए 150 प्रकार के औषधीय व फल-फूल के पौधे

Gardening by Rajendra Manjhi

रामानुजगंज. रामचंद्रपुर विकासखंड के ग्राम सुभाष नगर के वार्ड क्रमांक 9 में रहने वाले 66 वर्षीय राजेंद्र माझी (Rajendra Manjhi) को बागवानी लगाने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि उन्होंने अपने घर की 50 डिसमिल जमीन में करीब डेढ़ सौ से अधिक प्रकार के औषधीय व फल-फूल के पौधे तैयार कर दिए।
बागवानी (Gardening) में कई दुर्लभ किस्म के औषधीय पौधे भी हैं, वही फूल भी कई दुर्लभ प्रजाति के लगे हुए हैं। इसे देखने आसपास गांव के लोग तो आते ही हैं, वहीं दूर-दूर से भी लोग राजेंद्र माझी के बागवानी देखने आते हैं। इन्हें कृषि में विभिन्न प्रकार के आधुनिक तकनीकों के उपयोग के लिए भी जाना जाता है।

राजेंद्र माझी ने बताया कि मेरे पिता भी बागवानी घर में लगाए थे, जिनसे मुझे प्रेरणा मिली एवं मैंने आज डेढ़ सौ से अधिक प्रकार के औषधीय पौधे व फल-फूल लगाए हैं। माझी ने बताया कि दो दशक के मेहनत के बाद मेरी ऐसी बागवानी तैयार हो पाई है। प्रतिदिन दो से 3 घंटे सुबह बागवानी में देता हूं।
माझी ने बताया कि औषधीय पौधे कई प्रकार की बीमारियों (Disease) में चमत्कारिक लाभ देते हैं ऐसा मैंने खुद प्रयोग करके देखा है एवं दूसरों पर भी प्रयोग किया है। इसलिए मेरा प्रयास रहता है कि बागवानी में अधिक से अधिक औषधीय पौधे लगा सकूं।

एक ही आम पेड़ में 5 वैरायटी
राजेंद्र माझी के बागवानी में कई प्रकार की व्यवस्थाएं हैं जहां 9 प्रकार के गुड़हल हैं। वही एक ही आम के पेड़ में 5 वैरायटी के आम के फल (Fruits) होते हैं। वही सेवंती गुलाब नींबू की भी कई प्रजातियां हंै।

मिल चुका है उन्नत कृषक पुरस्कार
वर्ष 2018 में राजेंद्र माझी को रायपुर में जिला स्तरीय उन्नत कृषक पुरस्कार कृषि धान उत्पादकता के लिए मिला था। इसमें 25000 की नकद राशि एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया गया था। इन्हें कई बार विभिन्न विभागों द्वारा प्रमाण पत्र मिला है।

जहां जाते हैं, पौधे लेकर आते हैं
राजेंद्र माझी बताते हैं कि मैं जहां भी जाता हूं, कुछ लाऊं चाहे न लाऊं पौधे जरूर खोज कर ले आता हूं। अभी तक मैं रायपुर, धमतरी, अंबिकापुर व कोलकाता से कई प्रकार के पौधे लाकर लगा चुका हूं।

कई दुर्लभ प्रकार के भी औषधीय पौधे
राजेंद्र माझी के बागवानी में औषधीय पौधे (Mediclinical plants) चलता, अनंमूल, फिलेमवाइन, हडज़ोड़वा, मधुगामिनी, गंधराज, झरबेरा पिपली, चुईझाल, अडूसा, अपराजिता, ब्रह्मकस पाषाणभेद, हेलिफोर्निया, सिंदूरी सहित डेढ़ सौ प्रकार से अधिक के औषधीय पौधे व फल-फूल लगे हुए हैं।
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