scriptसैकड़ों लोगों की जिंदगी बचाने वाले संजीवनी 108 के चालक की सडक़ हादसे में मौत, ईएमटी घायल | Road accident: Sanjivani express 108 driver death in road accident | Patrika News

सैकड़ों लोगों की जिंदगी बचाने वाले संजीवनी 108 के चालक की सडक़ हादसे में मौत, ईएमटी घायल

locationबलरामपुरPublished: Apr 28, 2022 06:58:38 pm

Road accident: रात में ड्यूटी जाने के दौरान शराब के नशे में धुत बाइक सवार (Drunken bike rider) युवक ने मारी टक्कर, सिर में गंभीर चोट लगने से 108 के चालक (108 driver) की मौके पर ही हो गई मौत जबकि ईएमटी और बाइक चालक हो गए घायल, घटना से क्षेत्र में शोक की लहर

Road accident

Sanjivani driver Santosh Minj

रामानुजगंज. Road accident: समय पर संजीवनी एक्सप्रेस के माध्यम से अस्पताल पहुंचाकर सबकी जिंदगी बचाने वाला 108 के चालक की सडक़ हादसे में बुधवार की रात मौत हो गई। लगभग 9.30 बजे खाना खाकर बाइक से ड्यूटी जा रहे 108 के चालक एवं ईएमटी को पीछे से आ रहे शराब के नशे में धुत बाइक सवार युवक ने अस्पताल के समीप टक्कर मार दी। इस हादसे में 108 के चालक की मौत हो गई, वहीं ईएमटी व टक्कर मारने वाला युवक घायल हो गए। घायलों का उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। चालक की मौत (Driver Death) से उसके परिजनों समेत क्षेत्र में शोक की लहर है।

संजीवनी 108 ड्राइवर संतोष मिंज, ईएमटी मोहम्मद नसीम के साथ बुधवार की रात खाना खाकर वापस ड्यूटी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आ रहा था। इसी दौरान अस्पताल के समीप अटल चौक के आगे पीछे से शराब के नशे में धुत बाइक सवार युवक ग्राम लुरगी निवासी 18 वर्षीय नंदू कुमार ने उन्हें टक्कर मार दी।
इस हादसे में संतोष मिंज के सिर पर गंभीर चोट लगी व मौके पर ही उसकी मौत हो गई। वहीं नंदकुमार एवं मोहम्मद नसीम भी घायल हो गए जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। यहां उनका इलाज चल रहा है। संतोष के 11 माह का मासूम पुत्र व 6 वर्ष की पुत्री है, जिनके सिर से पिता का साया उठ गया है। इधर संतोष की मौत की सूचना पर स्वास्थ्य कर्मचारियों में शोक की लहर है।
बताया जा रहा है कि दुर्घटना के बाद संतोष एवं मोहम्मद नसीम दोनों बेहोश हो गए थे। घटना के पांच सात मिनट के बाद जब मोहम्मद नसीम को होश आया तो उसने आसपास के लोगों को मदद के लिए बुलाया। जब लोग उसको उठाकर अस्पताल ले जाना चाहे तो वह बोला पहले संतोष को ज्यादा चोट लगी है। पहले संतोष को अस्पताल ले जाइए।

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कई लोगों की बचाई थी जान
संतोष मिंज विगत 8 वर्षों से रामानुजगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ था। उसने सैकड़ों लोगों को 108 के माध्यम से समय पर अस्पताल पहुंचा कर जान बचाई थी। दिन भर ड्यूटी कर रात में दुर्घटना में घायल संतोष अपनी जिंदगी से जंग हार गया।
संतोष इतना व्यवहार कुशल था कि अस्पताल के हर छोटे-बड़े कर्मचारी का चहेता था। जैसे ही अस्पताल के लोगों को संतोष के घायल होने की सूचना मिली तो सभी कर्मचारी जमा हो गए। वहीं जब पता चला कि संतोष अब इस दुनिया में नहीं रहा तो सबकी आंखें नम हो गईं।

सेवा के लिए रहता था तत्पर
संतोष 8 वर्षों से 108 में कार्यरता था। उसमें सेवा भावना कूट-कूट कर भरी थी। 24 घंटे लोगों की सेवा के लिए तत्पर रहता था। कई बार ऐसी स्थिति निर्मित हुई थी कि पेशेंट बहुत सीरियस स्थिति में रहा और कागजी प्रक्रिया पूरा करने में कुछ समय लगता परंतु उसने अपने रिस्क पर मरीज को उसके गंतव्य तक पहुंचाया।
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