इसे लेकर परिवहन विभाग (RTO) की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि पूर्व में संचालित परिवहन चेक पोस्ट में निजी कर्मचारी रखने को लेकर कई बार विवाद की स्थिति निर्मित हो चुकी है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन के आदेश के बाद अंतरराज्यीय कन्हर में परिवहन विभाग का चेक पोस्ट प्रारंभ किया गया है। परिवहन चेकपोस्ट प्रारंभ होते के साथ ही यह निजी कर्मचारियों की गिरफ्त में आ गया है।
यहां सिर्फ निजी कर्मचारियों का बोलबाला स्थापित हो चुका है जबकि अभी तक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के रखने के लिए परिवहन आयुक्त द्वारा कोई भी अनुशंसा नहीं की गई है। ऐसे में परिवहन विभाग (RTO) के द्वारा कैसे दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को रखा गया है यह समझ से परे है। परिवहन चेकपोस्ट में आधा दर्जन से अधिक कर्मचारियों को रखा गया है जिनसे कार्य करवाया जा रहा है।
ऐसे में सवाल उठता है कि इन सभी का वेतन भुगतान कैसे होगा जबकि अभी तक परिवहन आयुक्त के द्वारा वेतन भोगी कर्मचारी रखने के लिए अनुशंसा नहीं की गई है।
निजी कर्मचारी करते हैं चेकिंग
परिवहन चेकपोस्ट का सारा काम निजी कर्मचारियों के भरोसे संचालित हो रहा है जबकि नियमानुसार निजी या दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी वाहनों के कागजात नहीं देख सकते। चेक पोस्ट प्रभारी तुलसीराम भगत ने बताया की दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी की ड्यूटी सिर्फ नाका उठाने एवं गिराने के लिए लगाई गई है।
निजी कर्मचारी करते हैं चेकिंग
परिवहन चेकपोस्ट का सारा काम निजी कर्मचारियों के भरोसे संचालित हो रहा है जबकि नियमानुसार निजी या दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी वाहनों के कागजात नहीं देख सकते। चेक पोस्ट प्रभारी तुलसीराम भगत ने बताया की दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी की ड्यूटी सिर्फ नाका उठाने एवं गिराने के लिए लगाई गई है।
उन्होंने बताया कि परिवहन आयुक्त को 6 दैनिक वेतनभोगी भोगी कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए पत्र लिखा गया है परंतु अभी तक वहां से रखने के लिए अनुशंसा नहीं की गई है। वहीं वाहन मालिकों ने बताया कि लगातार निजी कर्मचारियों द्वारा वाहन के कागजात की जांच के नाम पर परेशान किया जा रहा है।
विवादित निजी कर्मचारी तैनात
पूर्व में जब आरटीओ चेकपोस्ट संचालित था तब जो निजी कर्मचारी यहां कार्य करते थे जो हमेशा अवैध वसूली के लिए विवादों में रहते थे। यहां तक कि वर्षों कार्य करने के बाद भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में उनका भुगतान नहीं होता था फिर भी उनका रुतबा आरटीओ अधिकारी से भी बढक़र रहता था। फिर से उन्हीं कर्मचारियों के तैनात हो जाने से एक बार फिर विवाद बढ़ सकता है।