संरक्षित जीवों की श्रेणी में रखा गया है इसे। पुलिस टीम ने दबिश देकर दो सगे भाई समेत 7 आरोपी को धरदबोचा, एसपी को मुखबिर से मिली थी सूचना
Pangolin
राजपुर. राजपुर, डौरा व साइबर सेल की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को मुखबिर की सूचना पर सेमरसोत में दबिश देकर दुर्लभ संरक्षित जीव ‘पैंगोलिन’ का सौदा कर रहे दो भाई सहित 7 आरोपियों को धर दबोचा। उक्त जीव को गड़ा धन निकालने में मददगार बताते हुए सौदा करने की तैयारी की जा रही थी। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक जीवित पेंगोलिन तथा खाल भी बरामद किया। आरोपियों के खिलाफ वन जीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई।
एसपी टीआर कोशिमा को शुक्रवार की दोपहर लगभग 12.30 बजे मुखबिर से सूचना मिली कि सूरजपुर जिले के कुछ लोग डौरा क्षेत्र के ग्राम लिलौटी के उमेश ठाकुर की मदद से राजपुर के रामलाल व रामऔतार को अति दुर्लभ संरक्षित जीव ‘पैंगोलिन’ का सौदा करने आने वाले हैं।
इस पर एसपी ने एएसपी डॉ. पंकज शुक्ला के मार्गदर्शन में डौरा साइबर सेल, डौरा चौकी व राजपुर पुलिस की संयुक्त टीम की गठित कर कार्रवाई के निर्देश दिए। फिर संयुक्त टीम ने सेमरसोत के पास दबिश देकर ‘पैंगोलिन’ का सौदा कर रहे सूरजपुर जिले के रमकोला थाना अंतर्गत करवां निवासी 27 वर्षीय जोसेफ लकड़ा पिता मंगलसाय लकड़ा, उसका बड़ा भाई 42 वर्षीय कमलेश्वर लकड़ा, डौरा चौकी अंतर्गत ग्राम लिलौटी निवासी 32 वर्षीय उमेश ठाकुर पिता वीरसाय, 20 वर्षीय परमेश्वर पिता वीरसाय राम,
23 वर्षीय रमेश कुमार पिता सिरसाय ठाकुर, राजपुर थाना अंतर्गत ग्राम अमदरी निवासी 50 वर्षीय रामलाल पिता स्व. मंगला राम व बूढ़ाबगीचा निवासी 45 वर्षीय रामऔतार पिता स्व. जुठन राम को धर दबोचा। आरोपियों के पास से दुर्लभ जीव की खरीद-बिक्री के संबंध में कोई दस्तावेज नहीं मिला। इस पर पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया।
उनके पास से पुलिस ने एक पेंगोलिन जीवित अवस्था में तथा खाल बरामद किया। आरोपियों के खिलाफ भारतीय वन जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 39, 44, 48(क), 50, 51 व 52 के तहत कार्रवाई की गई।
कार्रवाई में एसआई अवनीश कुमार श्रीवास, एएसआई राजेंद्र पांडेय, आरक्षक सुधीर सिंह, मंगल सिंह, राजकमल सैनी, प्रदीप साना, राजकिशोर पैंकरा व अन्य पुलिसकर्मी शामिल रहे। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे उक्त जीव का गड़ा धन निकालने में मददगार बताकर सौदा करते थे।
क्या है पेंगोलिन पैंगोलिन सांप और छिपकली के बीच की कड़ी है, जिसका उपयोग चीन, डेनमार्क, थाइलैंड, इंडोनेशिया, सिंगापुर में दवाई बनाने में होता है। इसके अंगों की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 10 लाख रुपए से भी ज्यादा है।
पैंगोलिन दुनिया में सबसे ज्यादा तस्करी किए जाने वाला दुर्लभ जीव है, जिसे भारत में भी भारतीय जीव वन्य संरक्षण अधिनियम 1972 के अनुसूची 1 में अति दुर्लभ संरक्षित वन्य जीव के श्रेणी में रखा गया है। यह जीव बाघ, गेंडे के समक्ष संरक्षित है।