गौरतलब है कि मां महामाया मंदिर के समीप करीब 9 करोड़ की लागत से एनीकट का निर्माण तो जल संसाधन विभाग के द्वारा कर दिया गया परंतु आज तक एनीकट के निर्माण में बाकी रही कमियों को दूर नहीं किया जा सका।
कलक्टर को आना पड़ा था गेट खुलवाने
एनीकट का गेट खुलवाने एवं बंद करने में जल संसाधन विभाग के अधिकारी कितने लापरवाह हैं। इसे इस बात से समझा जा सकता है कि जब दो वर्ष पूर्व लोक आस्था के महापर्व छठ में भी विभाग के अधिकारियों ने बार बार निवेदन के बाद भी गेट नहीं खुलवाया तो तत्कालीन कलक्टर संजीव कुमार झा को एनीकट का गेट खुलवाने स्वयं रामानुजगंज आना पड़ा था।
दो वर्ष से नहीं खुला है गेट, भर जाता है रेत
दो वर्ष पूर्व जब जिले के तत्कालीन कलक्टर गेट खुलवाने आए थे। उस समय भी एनीकट का सभी गेट नहीं खुलवा पाए थे। एनीकट का एक गेट विगत 2 वर्ष से नहीं खुला है। इस कारण एनीकट में रेत भर गया है जिससे पानी का स्टोरेज भी कम हो गया है।
20 हजार की आबादी होती है प्रभावित
नगर की लगभग 20 हजार की आबादी एनीकट से प्रभावित होती है, क्योंकि नगर की जल प्रदाय व्यवस्था पूर्णत: कन्हर नदी पर आश्रित है।
विभाग से सभी गेट खोलने की मांग
नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल ने कहा कि एनीकट का गेट समय पर खुलना और बंद होना चाहिए, ऐसा नहीं होने से शहरवासियों को इसका खामियाजा उठाना पड़ता है।