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इस महिला अफसर पर बिजली विभाग के अधिकारियों ने लगाये गंभीर आरोप

locationबलरामपुरPublished: Jun 28, 2018 04:59:24 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

मुख्य विकास अधिकारी कृतिका ज्योत्सना ने पूरे मामले पर बताया कि बिजली विभाग के अधिकारियों का आरोप पूरी तरह निराधार है

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इस महिला अफसर पर बिजली विभाग के अधिकारियों ने लगाये गंभीर आरोप

बलरामपुर. बलरामपुर में सीडीओ की दबंगई देखने को मिली। बिजली विभाग की समीक्षा बैठक में दबंगई दिखाते हुए अधिकारियों को कामचोर कह डाला और हद तो तब हो गयी जब ExEn समेत सभी विभागीय अधिकारियों को कार्यालय से बाहर निकाला दिया। अपमानित अधिकारियों ने अध्यक्ष उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटिड को पत्र लिख कर उचित कार्रवाई की मांग की है। कार्रवाई न होने की स्थिति में सीडीओ की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला लिया है, वहीं सीडीओ ने आरोपों को निराधार बताया है।
बलरामपुर में मुख्य विकास अधिकारी कृतिका ज्योत्सना के पर विद्युत विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने अभद्रता का आरोप लगाते हुए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत कराते हुए कार्रवाई की मांग की है। अधिशासी अभियंता विद्युत जयपाल सिंह परिहार तथा उपखंड अधिकारी प्रशांत शेखर श्रीवास्तव ने बताया कि गुरुवार सुबह मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में ग्राम स्वराज अभियान में चयनित ग्रामों के विद्युतीकरण के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। एक घंटे इंतज़ार के बाद सीडीओ ने अपने कार्यालय में सभी अधिकारियों को बुलाया। बैठक शुरू होते ही मुख्य विकास अधिकारी ने अपना आपा खो दिया और अभद्रता पूर्ण व्यवहार करते हुए अधिशासी अभियंता सहित सभी अभियंताओं को तथा कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को ऑफिस से बाहर निकाल दिया। सीडीओ के इस अभद्र व्यवहार से विद्युत विभाग के अधिकारी काफी आहत हुए हैं। उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर सीडीओ के व्यवहार को अवगत कराते हुए भविष्य में उनके साथ काम न कर पाने की चेतावनी भी दी।
सीडीओ ने कहा- आरोप निराधार
मुख्य विकास अधिकारी कृतिका ज्योत्सना ने पूरे मामले पर बताया कि बिजली विभाग के अधिकारियों का आरोप पूरी तरह निराधार है। इनके द्वारा गलत व भ्रामक बयानबाज़ी की जा रही है। गुरुवार को बिजली विभाग के साथ संयुक्त रूप से समीक्षा बैठक बुलाई गई थी और अधिशासी अधिकारी का कार्य मंशानुरूप नहीं है, इसलिये उनको कार्य मे तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। इसी बात को उनके द्वारा गलत रूप से पेश किया गया है।
सीडीओ पर पहले भी लगते रहे हैं ऐसे ही आरोप
सीडीओ के कार्य व्यवहार को लेकर आक्रोश का यह कोई पहला मौका नहीं है, जब किसी ने सीडीओ पर लगाया है। इससे पूर्व ग्राम पंचायत अधिकारियों तथा ग्राम विकास अधिकारियों ने भी सीडीओ के व्यवहार से क्षुब्ध होकर धरना प्रदर्शन करके विरोध दर्ज करा चुके हैं।
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