एडीएम अरुण कुमार शुक्ल ने बताया कि अवैध मादक पदार्थ के निर्माण एवं बिक्री तथा अवैध अल्कोहल के परिवहन पर अंकुश लगाने के लिये सभी फुटकर आबकारी अनुज्ञापियों/विक्रेताओं का पुलिस विभाग से चरित्र सत्यापन कराया जाए। साथ ही अवैध मदिरा के कारोबार में संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाही की जाए। जिले के सभी अनुज्ञापियों को सूचित किया जाय कि समय से दुकानें खोली व बन्द किया जाए और ओवररेटिंग न किया जाए और खुली शराब न बिक्री की जाए। आबकारी विभाग के निरीक्षक व सिपाही निरन्तर क्षेत्रों का भ्रमण करने के निर्देश दिया और कहा कि किसी भी प्रकार अवैध शराब की बिक्री न होने दे। शराब की तस्करी पर अकुंश लगाये। आबकारी निरीक्षक क्षेत्रीय पुलिस, लेखपाल, चौकीदार व ग्राम प्रधानों से भी सम्पर्कसूत्र बनाये रखे जिससे जिले में शराब से सम्बन्धित घटनाए न होने पाये।
दोषी को मृत्युदण्ड-आजीवन कारावास :- बैठक में उप आबकारी आयुक्त कुवर अंशकन सिंह ने बताया कि जहरीली शराब से मौत होने पर आरोपी को मृत्युदण्ड/आजीवन कारावास तथा 10 लाख रुपए का जुर्माना, विकलांगता/घोर उपहति होने पर आजीवन कारावास जो 10 वर्ष तक किन्तु छह वर्ष से कम नहीं हो सकता है। 5 लाख रुपए का जुर्माना एवं अन्य परिणामी क्षति होने पर दो वर्ष का कारावास तथा 2.5 लाख रुपए का जुर्माना किन्तु 1.25 लाख से कम नहीं हो सकता, जैसे कठोर दण्ड का सरकार ने प्रावधान किया है।